पाच साल पहले किया था जानलेवा हमला, अब जेल में करते हैं सबकी सेवा
मुरादाबाद : जेल में बंद अच्छे काम करने वाले बंदियों की रिहाई के लिए सरकार ने कवायद शुरू
मुरादाबाद : जेल में बंद अच्छे काम करने वाले बंदियों की रिहाई के लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। दो अक्टूबर को होने वाली रिहाई के लिए प्रदेशभर की जेलों में बंद 66 फीसद सजा काट चुके बंदियों की लिस्ट मागी गई है। ऐसे बंदी जिनका कार्यकाल जेल में सराहनीय रहा है। लिस्ट में अमरोहा का रहने वाला जफर भी है। जानलेवा हमले का आरोपी जफर अपने गुनाह की सजा काटकर बदल चुका है। ये है पूरा मामला
दो अक्टूबर महात्मा गाधी जयंती पर सरकार सजा का 66 फीसद समय जेल की चारदीवारी में काट चुके बंदियों को रिहा करने की कवायद में लगी हुई है। इस लिस्ट में ऐसे बंदी शामिल किए जाएंगे, जिनका जेल में बंद कार्यकाल सराहनीय रहा है। जेल प्रशासन ने भी इसके लिए 30 बंदियों की सूची भेजी है, जिनमें से आठ बंदी रिहाई की दौड़ में शामिल हैं। इनमें से एक अमरोहा निवासी जफर पुत्र खुर्शीद भी है। अदालत ने जफर को पाच साल पहले जानलेवा हमले के आरोप में सात साल की सजा सुनाई थी। पाच साल जफर जेल में काट चुका है। जेल प्रशासन के मुताबिक, जफर बाकी बंदियों के लिए एक नजीर है। जेल में साफ सफाई से लेकर बाकी बंदियों की देख-भाल की जिम्मेदारी भी लेता है। जफर के परिजनों का कहना है कि पाच साल पहले हुई घटना को आज तक उसे पछतावा है। सराहनीय कार्य करने वाले बंदी : जेल अधीक्षक
दो अक्टूबर पर रिहाई के लिए 66 फीसद सजा काट चुके बंदियों की लिस्ट शासन को भेजी है, जिनमें से आठ बंदियों की रिहाई का रास्ता साफ माना जा रहा है। लिस्ट में ऐसे बंदी है, जिन्होंने जेल के अंदर सराहनीय कार्य किया है।
मुहम्मद, मुस्तफा हुसैन रिजवी, जेल अधीक्षक