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मिलों पर मेहरबानी, सरकार को नजर नही आती अन्नदाता की परेशानी

2018-19 पेराई सत्र का भी लगभग पांच सौ करोड़ रुपये अब तक बकाया हो गया है। मिलों द्वारा भुगतान न किए जाने से किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है।

By RashidEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 02:09 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 08:10 AM (IST)
मिलों पर मेहरबानी, सरकार को नजर नही आती अन्नदाता की परेशानी
मिलों पर मेहरबानी, सरकार को नजर नही आती अन्नदाता की परेशानी

मुरादाबाद । गन्ना किसानों की आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। 2017-18 पेराई सत्र का कमोबेश चार सौ करोड़ रुपये चीनी मिलें दबाए बैठी हैं। 2018-19 पेराई सत्र का भी लगभग पांच सौ करोड़ रुपये अब तक बकाया हो गया है। मिलों द्वारा भुगतान न किए जाने से किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। नए पेराई सत्र में लगभग डेढ़ महीने से किसानों को फूटी कौड़ी का भी भुगतान नहीं हुआ है।

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बढ़ती जा रही किसानों की परेशानी

चीनी मिलों का 2018-19 पेराई सत्र अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू हो गया था। तब से ही किसान चीनी मिलों की पेराई क्षमता के अनुसार गन्ने की आपूर्ति कर रहे हैं लेकिन भुगतान के नाम पर किसानों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। गन्ने का दाम न बढ़ाने से भी किसान खफा हैं। हालात ये हैं कि किसान गन्ना क्षेत्र बढ़ाने को अपनी गलती और गन्ने की बेकद्री होना मान रहे हैं। महिला गन्ना किसान मनु चौधरी व सीमा चौधरी कहती हैं कि पेराई सत्र शुरू होते ही गन्ने की बेकद्री शुरू हो गई है। फरवरी व मार्च में और भी बुरा हाल होने के आसार हैं। प्रगतिशील किसान देवेंद्र सिंह- जगरम्पुरा ने गन्ने की उपज अधिक होने की बात कही है।

पेराई क्षमता एवं आपूर्ति

मंडल में 22 चीनी मिलें संचालित हैं जिनकी पेराई क्षमता लगभग 14 लाख क्विंटल प्रति दिन है। किसान कमोबेश 12 लाख क्विंटल गन्ने की आपूर्ति रोजमर्रा कर रहे हैं। भाकियू अराजनीतिक असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह, महासचिव महक सिंह एवं भाकियू नेता ऋषिपाल सिंह ने बताया कि गन्ना एक्ट के मुताबिक चीनी मिलों को 14 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर देना चाहिए लेकिन डेढ़ महीने में एक पैसे का भुगतान चीनी मिलों ने नहीं किया है।

मिलों को दिए गए हैं निर्देश : उप गन्ना आयुक्त

चालू पेराई सत्र में चीनी मिलों को गन्ना मूल्य भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। कई मिलों ने शीघ्र ही भुगतान प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया है।

राजेश मिश्र, उप गन्ना आयुक्त

खेती के गुर सिखाने को खुलेगा गन्ना किसान संस्थान

गन्ना किसानों की आय दोगुना करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत शीघ्र ही गन्ना किसान संस्थान की स्थापना कर कृषि वैज्ञानिक, चीनी मिल अधिकारियों एवं किसानों को नई तकनीक से खेती के गुर सिखाएंगे।

लालबहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान के उप निदेशक एनके कमल ने बताया कि मंडल में 22 चीनी मिलें संचालित हैं जिनसे कमोबेश 6.50 लाख गन्ना किसान जुड़े हैं। किसान संस्थान खुलने से उन्हें आय दोगुना करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसान संस्थान के लिए भूमि चयन करने का कार्य अंतिम चरण में है। चालू वित्तीय वर्ष में ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। फिलवक्त किसानों को शीघ्र लाभ पहुंचाने के लिए किराए के भवन में स्थापना की जाएगी। शासन की मंशा से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि किसान संस्थान में गन्ने की नई तकनीक से खेती, टिश्यू कल्चर व अन्य तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उधर उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने बताया कि शासन के निर्देश पर किराए के भवन की तलाश शुरू कर दी गई है।  


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