सामाजिक बुराइयों पर चोट कर रही हैं आज की फिल्में
मुरादाबाद (अनिल अवस्थी) : फिल्म अभिनेत्री तनिषा मुखर्जी आधुनिक सिने जगत को बड़े बदलाव का दौर मानत
मुरादाबाद [अनिल अवस्थी] : फिल्म अभिनेत्री तनिषा मुखर्जी आधुनिक सिने जगत को बड़े बदलाव का दौर मानती हैं। उनका कहना है कि आज की फिल्में मनोरंजन के साथ समाज को गहरा संदेश भी दे रही हैं। फिल्मों के जरिये सामाजिक बुराइयों पर चोट की जा रही है। इससे समाज जाग्रत हो रहा है।
अभिनय का लोहा मनवा चुकी हैं तनिषा
जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री काजोल की बहन और तनुजा की बेटी तनिषा नील एंड निक्की, टैंगो चार्ली जैसी पाच हिन्दी फिल्मों में काम करने के साथ ही कई टीवी सीरियल में भी अभिनय का लोहा मनवा चुकी हैं। वह अमरोहा में आयोजित कवि सम्मेलन में आई थीं। मंगलवार की सुबह उन्होंने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की।
अधिकाश सफल कहानी लेखक व फिल्म निदेशक उत्तर भारत के
उन्होंने कहा कि सिने जगत में एक सकारात्मक बदलाव आया है। बागबा, थ्री-इडियट्स, ट्वायलेट एक प्रेम कथा, स्त्री जैसी फिल्में न सिर्फ सुपर डुपर हिट हुईं बल्कि इन्होंने समाज को एक बड़ा संदेश भी दिया। इसके लिए उन्होंने उत्तर भारत की भी तारीफ की। कहा कि अधिकाश सफल कहानी लेखक व फिल्म निदेशक इधर से ही हैं। जल्द ही उनकी बड़ी बहन काजोल की फिल्म हेलीकॉप्टर इला आ रही है। यह फिल्म भी मा-बेटी के संबंधों पर बनी है, जिसमें एक गहरा संदेश छिपा है।
पर्यावरण संरक्षण की मुहिम शुरू की
अभिनेत्री तनिषा ने स्टैंप संस्था के जरिये पर्यावरण संरक्षण की मुहिम शुरू की है। बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के साथ ही पौधरोपण भी बहुत जरूरी है। इसके लिए वह संस्था की ओर से शहरों में उद्यान लगाएंगी। इस उद्यान में व्यक्ति विशेष के नाम पर पौधे लगाए जाएंगे। इन पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी के लिए उसे किसी स्थानीय व्यक्ति को गोद दिया जाएगा।
दीदी काजोल की डाट से लगता था डर
तनिषा बताती हैं कि उन्हें अपनी बड़ी बहन काजोल की डाट से बहुत डर लगता था। बचपन में जब वह शरारत करती थीं तो शूटिंग से लौटीं काजोल की त्योरी चढ़ जाती थी, लेकिन वह उन्हें प्यार भी बहुत करती हैं। बताया कि चाहे फिल्मी करियर रहा हो या सामाजिक सरोकार से जुड़े अभियान में हिस्सेदारी, हर मुहिम में उनकी दीदी का सहयोग व मार्गदर्शन मिला है।
मुझे भी भेज दो बॉर्डर पर
जेएस हिन्दू इंटर कालेज के मैदान में जब कवि सम्मेलन चल रहा था तो दिग्गज कवियों के बीच तनीषा नर्वस हो गईं। इस बात को उन्होंने मंच से स्वीकार भी किया। थोड़ी देर बाद जब वीर रस के जाने माने कवि डॉ. हरिओम पवार ने काव्यपाठ शुरू किया तो श्रोताओं के साथ ही तनिषा भी जोश से लबरेज नजर आईं। एक बार तो वह कवियों से अचानक बोल पड़ीं कि मुझे भी बार्डर पर भेज दो, मैं भी देश के लिए लड़ूंगी।