बिजनौर की महिला सिपाही बोली, एक एएसपी कहते हैं अपना बना लो, सारी परेशानी दूर हो जाएगी
शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाया। संज्ञान लेते हुए आइजी ने मामले में जांच बैठा दी है। पुलिस महकमे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। बिजनौर की एक महिला सिपाही ने एक एएसपी पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाकर पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है। पीडि़ता ने आइजी रमित शर्मा से मुलाकात करके कार्रवाई की मांग की है। आइजी नेे जांच कराने का आश्वासन दिया है।
महिला सिपाही ने शिकायती पत्र में अवगत कराया हैै कि उसकी तैनाती पुलिस लाइन स्थित एक दफ्तर में है। वह खेल में जोन और जिला स्तर के कई मेडल जीत चुकी है। पुलिस लाइन स्थित हॉल में अभ्यास करने के लिए जाती थी। 11 मार्च को होली के दिन एक सिपाही के मोबाइल से फोन करके बताया गया कि एक एएसपी ने उसे रात 10 बजे हॉल में बुलाया है । रात अधिक होने की वजह से उसने मना कर दिया। इस पर उसकी रपट लिखा दी गई। मुंशी से उसने रपट लिखाने की वजह पूछी तो कहने लगा कि साहब के साथ खेलने से मना करने पर रपट लिखी गई है। इसके बाद उसे परेशान किया जाने लगा। कोरोना संक्रमण के दौरान उसकी ड्यूटी हल्दौर थाना क्षेत्र में लगा दी गई। वहां उसने तबीयत खराब होने पर छुट्टी ली और अस्पताल में भर्ती हो गई। डॉक्टरों ने उसे तीन दिन आराम करने की सलाह दी। पता लगते ही एएसपी थाना हल्दौर पहुंच गए। वहां भी उसके खिलाफ रपट लिखा दी। वह इलाज कराकर डयूटी पर वापस पहुंची तो मुंशी ने मना कर दिया। एक अधिकारी के सामने पेश होने पर किसी तरह से उसकी वापसी हो सकी। एक दिन उसके मोबाइल पर प्रतिसार निरीक्षक का फोन आया। उन्होंने एएसपी से बात करने को कहा। बात करने पर एएसपी ने कहा कि तुम हमें अपना बना लो, सारी परेशान दूर हो जाएगी। पिछले दिनों उसकी ड्यूटी नजीबाबाद स्कूल में लगाई गई। वहां भी सीओ ने उनके खिलाफ तस्करा डलवा दिया। पांच अगस्त को उसने उसने एसपी बिजनौर से शिकायत की। उन्होंने मामले की जांच महिला सीओ को सौंप दी है। उसने सीओ के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया है। मीडिया के सामने अपना दर्द बयां करते हुए रो पड़ी, बोली कि उसे कई महीने से लगातार बंगले पर बुलाया जाता है। शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं। आइजी ने महिला सिपाही को जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस संबंध में एसपी बिजनौर संजीव त्यागी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वहीं एएसपी का पक्ष जानने के लिए कई बार उन्हें फोन किया गया। सीयूजी नंबर पर संदेश भेजने के बावजूद उन्होंने अपना कोई पक्ष नहीं रखा।