नाबालिग बेटी से दुष्कर्म में पिता को उम्र कैद की सजा, छह दिन में कोर्ट ने सुनाया फैसला
Father Misdeed Daughter ठोस विवेचना के आधार पर नाबालिग बेटी को डरा-धमका कर दुष्कर्म करने वाले पिता को छह दिन के भीतर उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 53 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। छह दिन के भीतर सजा सुनाए जाने का प्रदेश में यह पहला मामला है।
जागरण संवाददाता, अमरोहा। Father Misdeed Daughter : ठोस विवेचना के आधार पर नाबालिग बेटी को डरा-धमका कर दुष्कर्म करने वाले पिता को छह दिन के भीतर उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर 53 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत में फाइल चार्ज होने के छह दिन के भीतर सजा सुनाए जाने का प्रदेश में यह पहला मामला है।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद में डिडौली कोतवाली क्षेत्र के गांव निवासी युवक ने 14 जून की रात लगभग 11 बजे डिडौली कोतवाली में पिता यामीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि पिता ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ डरा-धमका कर दुष्कर्म किया था। सात माह से वह लगातार दुष्कर्म करता आ रहा था। बेटी के गर्भवती होने पर इसकी जानकारी स्वजन को हुई थी। अल्ट्रासाउंड कराने पर सात माह के गर्भ की पुष्टि हुई थी।
पुलिस ने यामीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर 15 जून को जेल भेज दिया था। मुकदमे की विवेचना एसएसआइ सुक्रमपाल राणा कर रहे थे। मात्र पांच दिन में उन्होंने ठोस विवेचना कर 20 जून को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। 23 जून को अदालत में फाइल चार्ज हुई तथा सुनवाई शुरू कर दी गई। मंगलवार को छठे दिन विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट प्रथम अवधेश कुमार सिंह ने यामीन को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
उस पर 53 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने बताया कि फाइल चार्ज होने के छह दिन के भीतर दोषी को सजा सुनाए जाने का प्रदेश का यह पहला मामला है। इससे पूर्व एक मुकदमे में सात दिन में सजा सुनाई गई थी। उन्होंने बताया कि विवेचक की ठोस विवेचना के आधार पर यह सम्भव हो सका है। अदालत ने जुर्माना की आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।