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इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर रहे खेती पवन सिंह Moradabad News

डिलारी ब्लाक के अलियाबाद निवासी पवन सिंह खेती के साथ कर रहे मत्स्य पालन

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 01:30 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 05:55 PM (IST)
इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर रहे खेती पवन सिंह Moradabad News
इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर रहे खेती पवन सिंह Moradabad News

मुरादाबाद(मोहन राव) : जहां खेती को घाटे का सौदा बताकर युवा गांव को छोड़कर दूसरे शहरों में नौकरी के लिए पलायन कर रहे हैं। वहीं, आलियाबाद के रहने वाले पवन दूसरों के लिए मिसाल हैं, उन्होंने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर खेती को अपना पेशा बनाया है। आज नौकरी से अच्छी कमाई खेती से कर रहे हैं। नौकरी की तलाश करने वाले अपने गांव के युवाओं को भी पवन सिंह ने खेती से जोड़ दिया है। खेती करने के साथ ही पवन सिंह मत्स्य पालन भी कर रहे हैं। उन्हें देखकर अब गांव के अधिकतर युवा खेती में हाथ आजमा रहे हैं।

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प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज से बीटेक करने के बाद दिल्ली और लखनऊ में प्राइवेट कंपनी में साफ्टवेयर नेटवर्क इंजीनियर की नौकरी की। मन को सुकून नहीं मिला तो नौकरी छोड़कर घर आ गए। खेती के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी कृषि अधिकारियों से ली। इसके बाद वे परंपरागत खेती करने में जुट गये। शुरुआती दौर में कुछ परेशानियां आईं लेकिन, अब सबकुछ ठीक है। खेती और मत्स्य पालन से अच्छी बचत करने वाले पवन सिंह अब अपने परिवार के साथ खुश रहते हैं। पवन सिंह के पास 100 बीघा जमीन है, जिसमें गन्ना, गेहूं, सरसों और धान की खेती करते हैं। पिछले साल पवन सिंह ने अपनी जमीन में आम और अमरूद का बगीचा भी लगाया। इसके साथ ही एक हेक्टेयर जमीन में तालाब खोदवाकर उसमें मत्स्य पालन शुरू किया। अब मछली और खेती से इतनी कमाई हो रही है कि नौकरी भूल गये हैं।

2017 में छोड़ी नौकरी

पवन सिंह बताते हैं कि दो साल पहले जब नौकरी छोड़ी तो मन में मलाल था कि घर का खर्च कैसे चलेगा। नौकरी छोडऩे के बाद कुछ दिक्कतें आईं तो मन में खेती करने का विचार आया। अब सबकुछ ठीक है। खेती और मत्स्य पालन करने से नौकरी भूल गया हूं।

जैविक खेती करने की जरूरत 

अब तो सरकार भी खेती पर अधिक जोर दे रही है। पवन सिंह का कहना है कि किसानों को जैविक खेती पर अधिक जोर देना होगा। खेती करने के आधुनिक तरीकों को अपनाकर पैदावार बढ़ाई जा सकती है। इसके साथ ही किसानों को नकद बिकने वाली फसल उगाने पर भी जोर देना चाहिए, ताकि खेती करने के लिए लागत की कमी न हो।


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