खेत खलियान की 'भागीरथी' रोशन कर रही नाम
रईस शेख, (मुरादाबाद)। जज्बे को सलाम। शिक्षा, कारोबार, खेल व कौशल में ही नहीं बेटियां कृषि में भी अपना दबदबा बना रही हैं।
रईस शेख, (मुरादाबाद)। जज्बे को सलाम। शिक्षा, कारोबार, खेल व कौशल में ही नहीं बेटियां कृषि क्षेत्र में भी अब किसी से पीछे नहीं हैं। पुरुष वर्ग के अधिपत्य के क्षेत्र खेती किसानी में आपना नाम कमा रही हैं। ऐसी ही महिला कृषक हैं भागीरथी। जो मैंथा के साथ तीन फसल लेकर गांव व देश का नाम रोशन कर रही हैं।
शिक्षित करने का भी रिकार्ड कायम
विकास खंड मूंढापांडे की ग्राम पंचायत मातीपुर मैनी की भागीरथी ने बच्चों को शिक्षित करने में भी रिकार्ड कायम किया है। उनके पांचों बच्चे स्नातक हैं। बड़ी बेटी ललिता व रजनी ने स्नातक की तालीम हासिल की है, जबकि छोटी बेटी परास्नातक शिक्षा हासिल कर खेती किसानी में मां भागीरथी का हाथ बंटाकर खेती को नई तकनीक से नई दिशा देने का काम कर रही हैं।
पति का सहयोग
यूं तो भागीरथी खेती में किसी का सहयोग लेने की पक्षधर नहीं हैं। सभी कार्य वह स्वयं या अपनी देखरेख में कराती हैं। फिर पति वीर सिंह सैनी का योगदान सहफसली खेती को नई दिशा दे रहा है। मैंथा खेती उनकी पसंदीदा फसल है। पौध से पेराई तक वह स्वयं खेती की देखभाल करती हैं।
एक ही साथ तीन फसल
एकसाथ दो फसल की खेती करने की बात भागीरथी के सामने बेमानी है। वह एक साथ तीन फसल का खेती में नए आयाम पैदा कर रही हैं। मैंथा के साथ प्याज व बैगन की खेती कर उन्होंने खेती को नई दिखा दी है।
खेत से ही व्यापारी ले जाते फसल
भागीरथी धान, गेंहू, आलू, मैंथा, बैगन, गोभी, खीरा, प्याज, पालक व तोरई की खेती करती हैं। उनके उत्पाद को खेत से सब्जी व अन्य व्यापारी खरीद कर ले जाते हैं। इस आय को बच्चों की शिक्षा पर खर्च करती हैं।
भागीरथी की जुबानी...
खेती के गुर उन्होंने अपने पिता राम किशोर से सीखे हैं। बचपन में वह पिता के साथ खेत पर जाकर फसल की देखरेख करती थीं। इस सिलसिले को उन्होंने शादी के बाद भी बरकरार रखा।