Move to Jagran APP

आम छोड़ अमरूद व केले की खेती के प्रति किसानों का बढ़ा रुझान Moradabad News

राजकीय पौधशाला बिलारी में बागवानी के लिए अमरूद की पौध तैयार हो चुकी है। किसान अब आम की जगह केले और अमरूद की खेती करना पसंद कर रहे हैं।

By Ravi SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 03:07 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 03:07 PM (IST)
आम छोड़ अमरूद व केले की खेती के प्रति किसानों का बढ़ा रुझान Moradabad News
आम छोड़ अमरूद व केले की खेती के प्रति किसानों का बढ़ा रुझान Moradabad News

मुरादाबाद (मोहन राव)। किसानों का रुझान अब आम को छोड़ अमरूद और केले की खेती की तरफ अधिक बढ़ रहा है। कारण है कि एक हेक्टेयर में आम के सौ पौधे लग रहे हैं वहीं इतनी ही जमीन में अमरूद और केले के 150 से अधिक पौधे लग जाते हैं। केले की खेती करने वालों को सालभर में ही लागत और मुनाफे का पता चल जाता है जबकि आम का बगीचा लगाने वालों को चार से पांच साल तक इंतजार करना पड़ता है। अमरूद की बागवानी करने वालों को भी अधिकतम तीन साल में लागत मिलने लगती है। अमरूद की फसल किसानों को वर्ष में दो बार मिल जाती है। कम जमीन में भी अमरूद और केले की बागवानी लगाई जा सकती है जबकि आम में ऐसा नहीं है।

loksabha election banner

अमरूद की कई प्रजातियां मंहगी बिकती हैं

उद्यान अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि किसान आम को छोड़कर अब अमरूद और केले की बागवानी को महत्व दे रहे हैं। अमरूद की कई प्रजातियां ऐसी हैं जो महंगी बिकती हैं। अच्छा मुनाफा होने के कारण अमरूद और केले की बागवानी का लक्ष्य भी बढ़ा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.