आम छोड़ अमरूद व केले की खेती के प्रति किसानों का बढ़ा रुझान Moradabad News
राजकीय पौधशाला बिलारी में बागवानी के लिए अमरूद की पौध तैयार हो चुकी है। किसान अब आम की जगह केले और अमरूद की खेती करना पसंद कर रहे हैं।
मुरादाबाद (मोहन राव)। किसानों का रुझान अब आम को छोड़ अमरूद और केले की खेती की तरफ अधिक बढ़ रहा है। कारण है कि एक हेक्टेयर में आम के सौ पौधे लग रहे हैं वहीं इतनी ही जमीन में अमरूद और केले के 150 से अधिक पौधे लग जाते हैं। केले की खेती करने वालों को सालभर में ही लागत और मुनाफे का पता चल जाता है जबकि आम का बगीचा लगाने वालों को चार से पांच साल तक इंतजार करना पड़ता है। अमरूद की बागवानी करने वालों को भी अधिकतम तीन साल में लागत मिलने लगती है। अमरूद की फसल किसानों को वर्ष में दो बार मिल जाती है। कम जमीन में भी अमरूद और केले की बागवानी लगाई जा सकती है जबकि आम में ऐसा नहीं है।
अमरूद की कई प्रजातियां मंहगी बिकती हैं
उद्यान अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि किसान आम को छोड़कर अब अमरूद और केले की बागवानी को महत्व दे रहे हैं। अमरूद की कई प्रजातियां ऐसी हैं जो महंगी बिकती हैं। अच्छा मुनाफा होने के कारण अमरूद और केले की बागवानी का लक्ष्य भी बढ़ा है।