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किसानों को नहीं मिल रहा बकाया पर ब्याज

गन्ना एक्ट में प्रावधान होने के बाद भी बकाया भुगतान पर किसानों को ब्याज नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 02:14 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 02:14 PM (IST)
किसानों को नहीं मिल रहा बकाया पर ब्याज
किसानों को नहीं मिल रहा बकाया पर ब्याज

मुरादाबाद। गन्ना एक्ट में प्रावधान होने के बाद भी किसानों को बकाया पर ब्याज नहीं मिल रहा है। ब्याज मिलना तो दूर उनका भुगतान भी नहीं मिल रहा है। नए सत्र की शुरुआत होने को हैं, लेकिन अब भी जनपद सम्भल में किसानों का लगभग दो करोड़ रुपये चीनी मिलों पर बकाया है।

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पंद्रह दिन के अंदर भुगतान नहीं करने पर देना होगा 14 फीसद ब्याज वर्ष 1952 में गन्ना किसानों को सुविधा देने के लिए गन्ना एक्ट तैयार किया गया था। इसमें तमाम नियम बनाए गए थे जिसमें एक नियम यह था कि अगर कोई चीनी मिल किसानों का 15 दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं करती है तो उसे 14 फीसद ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। एक्ट बनने के बाद किसानों को भी लगा कि शायद ही अब कोई भी चीनी मिल किसानों का भुगतान नहीं रोक पाएगी। एक्ट तो बना दिया गया, लेकिन उसका पालन नहीं हो सका। हर वर्ष किसानों का गन्ना भुगतान फंसा, लेकिन आज तक किसानों को ब्याज नहीं मिला। हालत यह रही कि किसानों को अपनी मेहनत की कमाई के रुपये लेने के लिए सड़कों तक पर उतरना पड़ा। चीनी मिलों पर बकाया है लगभग दो करोड़ रुपये बकाया

यही हाल इस बार भी है। जिले की चीनी मिलों पर किसानों का लगभग दो करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। तमाम आंदोलन करने के बाद भी चीनी मिलें किसानों का भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है। जबकि नये सत्र की शुरुआत होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। भाकियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल ¨सह कहते हैं किसान का इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि एक्ट में होने के बाद भी किसानों को गन्ना भुगतान पर ब्याज नहीं मिल पा रहा है। अपना भुगतान लेने के लिए भी किसानों को सड़कों पर आकर आंदोलन करना पड़ रहा है। अब फिर किसानों सड़कों पर आकर भुगतान के लिए आंदोलन करेंगे।

भाकियू मंडलाध्यक्ष आनंद ¨सह का कहना है कि 1952 में गन्ना एक्ट बनाया गया था। जिसमें यह प्रावधान था कि अगर चीनी मिल किसानों का भुगतान 15 दिन के अंदर नहीं करते तो उन्हें 14 फीसद ब्याज के साथ भुगतान किया जाएगा, लेकिन किसानों को ब्याज मिलना तो दूर उनका भी रुपये नहीं मिल रहा है।


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