आम छोड़ अमरूद व केले की खेती के ओर किसानों का बढ़ रहा रुझान
किसानों का रुझान अब आम को छोड़ अमरूद और केले की तरफ अधिक बढा है।
मुरादाबाद, जासं: किसानों का रुझान अब आम को छोड़ अमरूद और केले की खेती की तरफ अधिक बढ़ रहा है। कारण है कि एक हेक्टेयर में आम के सौ पौधे लग रहे हैं वहीं इतनी ही जमीन में अमरूद और केले के 150 से अधिक पौधे लग जाते हैं। केले की खेती करने वालों को सालभर में ही लागत और मुनाफे का पता चल जाता है जबकि आम का बगीचा लगाने वालों को चार से पांच साल तक इंतजार करना पड़ता है। अमरूद की बागवानी करने वालों को भी अधिकतम तीन साल में लागत मिलने लगती है। अमरूद की फसल किसानों को वर्ष में दो बार मिल जाती है। कम जमीन में भी अमरूद और केले की बागवानी लगाई जा सकती है जबकि आम में ऐसा नहीं है।
प्रति हेक्टेयर पैदावार
आम प्रति हेक्टेयर-200 क्विंटल
अमरूद प्रति हेक्टेयर-350 से 450 क्विंटल तक
केला प्रति हेक्टेयर-650 क्विंटल
इन प्रजातियों की तरफ रुझान अधिक
आम-दशहरी, लंगड़ा, चौसा
अमरुद-लखनऊ-49, एपल कलर, इलाहाबादी, सफेदा, श्वेता, ललित, बर्फ खाना।
केला-जी नाइन
हर साल बढ़ रहा रकबा
2017-18
आम-10 हेक्टेयर
अमरूद-13 हेक्टेयर
केला-5 हेक्टेयर
2018-19
आम-10 हेक्टेयर
अमरूद- 15 हेक्टेयर
केला-10 हेक्टेयर
2019-20
आम-10 हेक्टेयर
अमरूद- 15 हेक्टेयर
केला-15 हेक्टेयर
2020-21 का लक्ष्य
आम-20 हेक्टेयर
अमरूद-40 हेक्टेयर
केला-20 हेक्टेयर
कागजी नींबू-5 हेक्टेयर
किन्नू-5 हेक्टेयर
अमरूद और केले की फसल अधिक कर रहे किसान
इस बारे में उद्यान अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि किसान आम को छोड़कर अब अमरूद और केले की बागवानी को महत्व दे रहे हैं। अमरूद की कई प्रजातियां ऐसी हैं जो महंगी बिकती हैं। अच्छा मुनाफा होने के कारण अमरूद और केले की बागवानी का लक्ष्य भी बढ़ा है।