डेढ़ साल में पकड़ी गईं 10 करोड़ रुपये की नकली दवाएं, आखिर किसकी शह में चल रहा खेल
मुरादाबाद जेएनएन ड्रग विभाग जिले भर में डेढ़ साल में दस करोड़ से अधिक कीमत की नकली और नशे की दवाओं की खेप पकड़ चुका है। जांच में नकली दवा होने का प्रमाण भी मिल चुका है।
मुरादाबाद, जेएनएन : ड्रग विभाग जिले भर में डेढ़ साल में दस करोड़ से अधिक कीमत की नकली और नशे की दवाओं की खेप पकड़ चुका है। जांच में नकली दवा होने का प्रमाण भी मिल चुका है।
मुरादाबाद जिले में माफिया द्वारा बाहर से दवाइयां मंगाई जाती हैं और यहां बनने वाली नकली उत्तेजक दवाइयां देश भर में भेजी जाती हैं। पिछले साल महाराष्ट्र ड्रग विभाग ने मुरादाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र में बनने वाली उत्तेजक दवा के नमूने लिए थे। पैकिंग पर आयुर्वेदिक दवा लिखा हुआ था, जबकि प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट के अनुसार उसमें केमिकल्स मिले हुए थे। महाराष्ट्र सरकार की सूचना पर ड्रग विभाग व आयुर्वेद विभाग ने संयुक्त रूप से छापा मारा था। फैक्ट्री के साथ ही करोड़ों रुपये की दवा को भी सील करते हुए फैक्ट्री संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
पिछले साल हुई थी छापेमारी
पिछले साल गलशहीद थाना क्षेत्र में ड्रग टीम ने छापा मारा था। जहां फिजिशियन सैंपल व नकली दवाइयां मिली थीं। इसके अलावा हनुमान मूर्ति तिराहे पर अलीगढ़ से आ रहीं लाखों रुपये की दवाएं पकड़ी गई थीं। मूंढापांडे क्षेत्र में अवैध रूप से दवा की दुकान चलाते हुए दुकानदार के पास से भी नशीली व नकली दवाइयां पकड़ी गई थीं। इसी तरह से कांठ क्षेत्र में नकली डाबर व अंग्रेजी दवा का मामला सामने आया था।
ड्रग इंस्पेक्टर नरेश मोहन दीपक ने बताया कि डेढ़ साल में जिले में दस करोड़ रुपये से अधिक की नशीली व नकली दवाइयां पकड़ी जा चुकी हैं। राजकीय जन विश्लेषण प्रयोगशाला द्वारा जांच के बाद पकड़ी गई दवाओं को नकली घोषित किया जा चुका है।
दवा छुड़ाने को दस लाख रुपये का आफर
कटघर क्षेत्र में दवा पकड़े जाने पर माफिया ने ड्रग विभाग व पुलिस को दवा छोडऩे के लिए दस लाख रुपये देने का आफर दिया था। माफिया का कहना था कि रुपये आधे घंटे में पहुंच जाएंगे। ड्रग विभाग के अधिकारियों के सख्त रवैये के बाद माफिया शांत हो गया।
दवा छोडऩे के लिए सत्ताधारी राजनेताओं ने भी किया फोन
कटघर थाने पर ड्रग विभाग की टीम द्वारा पकड़ी गई दवाओं को सीज करने की कार्रवाई की जा रही थी। इस दौरान सत्ताधारी दल से नेताओं के फोन आने लगे और दवा छोडऩे का दबाव बनाया गया।
मिल्क पार्लर में बिक रहा था एक्सपायरी छाछ
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को मिल्क पार्लर में एक्सपायरी छाछ व बिना तारीख वाले नमकीन के पैकेट बिकते हुए मिले। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने दोनों को नष्ट कर दिया। मिलावट होने के शक पर एक खाद्य पदार्थ का नमूना लिया। साथ ही कंपनी के महाप्रबंधक को नोटिस भी जारी किया है।
जिलाधिकारी को एक मिल्क पार्लर के खिलाफ मिलावटी व घटिया खाद्य सामग्री बेचने की शिकायत मिली थी। जिलाधिकारी के आदेश पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बुधवार को महानगर के केंद्रीय पुलिस अस्पताल के सामने चलने वाले मिल्क पार्लर का निरीक्षण किया। यहां नौ अप्रैल को एक्सपायर हो चुके छाछ के पैकेट बिक्री किए जाते हुए मिले। इसी तरह से स्पाइस्ट नमकीन पर निर्माण व एक्सपायरी तारीख तक अंकित नहीं थी। टीम ने दोनों खाद्य पदार्थों को नष्ट कर दिया। इसके बाद टीम दलपतपुर स्थिति मिल्क पार्लर की जांच करने पहुंची। फ्लेवर्ड मिल्क में मिलावट होने के शक पर जांच टीम ने नमूना लेकर राजकीय जन विश्लेषण प्रयोगशाला भेजा है। इसके अलावा टीम ने भोजपुर क्षेत्र में छापा मारकर एक दूसरी कंपनी का दूध, वेजीटेबल फैट स्प्रेड का नमूना लिया। यहीं के फारुख की दुकान से मिश्रित दूध, रसगुल्ला व आरारोट का नमूना लिया। अभिहित अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कंपनी के महाप्रबंधक को नोटिस भेजकर एक्सपायर खाद्य पदार्थ बेचने पर जवाब मांगा है। टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रीप्रकाश, बृजेश वर्मा, धीरज कुमार, अमिता जिज्ञासु शामिल थे।