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कानून को ठेंगा दिखा रहे फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के सहारे वाहन चालक

मुरादाबाद । प्रदेश भर में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले दलाल सक्रिय हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 12:02 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 12:02 PM (IST)
कानून को ठेंगा दिखा रहे फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के सहारे वाहन चालक
कानून को ठेंगा दिखा रहे फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के सहारे वाहन चालक

मुरादाबाद । प्रदेश भर में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले दलाल सक्रिय हैं। सम्भागीय परिवहन विभाग के दफ्तर के आसपास भी ऐसे कई दलाल घूमते हैं, जो मिनटों में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बना देते हैं। भारी वाहन चालक की एक जेब में फर्जी और दूसरी में असली लाइसेंस होता है। चेकिंग दल को यह लोग फर्जी लाइसेंस ही थमा देते हैं। चालान होने के बाद जुर्माना जमा नहीं होने पर पुलिस ऐसे लोगों का सम्मन लिए घूमती है।

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कानूनी शिकंजे से बचने के लिए फर्जी डाइविंग लाइसेंस बनवाते हैं ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में सम्भल की पूरे देश में पहचान है। यहां फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाने का मामला कई बार पकड़ में आ चुका है। आरटीओ दफ्तर के बाहर बैठने वाले कई लोगों पर भी फर्जी लाइसेंस बनाने को लेकर कार्रवाई हो चुकी है। भारी वाहन चालक कानूनी शिकंजे से बचने के लिए फर्जी डाइविंग लाइसेंस बनवाते हैं। मुरादाबाद से देशभर में जाने वाले भारी वाहन चालकों को रास्ते में तमाम चेकिंग दल मिलते हैं। इसमें पुलिस अैार सम्भागीय परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल होते हैं।

जुर्माना जमा नहीं होने पर आरोपितों के सम्मन लिए घूमती है पुलिस होता यह है कि लेनदेन करके वाहन चालक चेकिंग दलों से अपने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर चालान करा लेते हैं। अधिकारी उनका लाइसेंस कब्जे में लेकर वाहन को जाने देते हैं। तरीका यह होता है कि वाहन स्वामी जुर्माना आदि जमा करने के बाद चालक का ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करे, लेकिन फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर चालान कराने वाले जुर्माना जमा करने जाते ही नहीं हैं। वजह यह है कि उनका जिस पते पर लाइसेंस बना होता है, वे वहां कभी रहे ही नहीं होते हैं। फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस लिखा पता भी सही नहीं होता है। तमाम चालकों ने दूसरे जिलों के फर्जी पहचान पत्र बनवाकर भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रखे हैं। वे उन्हीं पर अपने वाहनों का चालान कराकर कभी पलटकर वहां नहीं जाते हैं। कानूनी कार्रवाई होने पर पुलिस को भी ऐसे चालकों का पता नहीं मिल पाता है। यही वजह है कि पुलिस फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस लेकर चलने वाले चालकों को तलाश में घूमती है, लेकिन वह मिल नहीं पाते हैं। कानून का पालन कराने वाले अधिकारी भी इसे लेकर बेबस नजर आते हैं। 100 रुपये में बना देते हैं नकली लाइसेंस

फर्जी लाइसेंस दो तरह के होते हैं। एक तो दलाल को दो धुंधले से फोटो और 100 रुपये दे दीजिए। वह पांच मिनट में ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर थमा देता है। उसका कोई रिकार्ड नहीं होता है। दूसरा कुछ ऐसे भी फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बन रहे हैं, जिनकी नींव ही फर्जी आईडी पर रखी होती है। फर्जी आईडी के जरिए कुछ लोग फर्जी पते पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते हैं। बड़े हादसों में चालक उसी लाइसेंस का इस्तेमाल करते हैं।


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