डेंगू और मलेरिया से निपटने के लिए हर सीएचसी पर जांच व भर्ती की सुविधा
कोरोना के साथ-साथ मलेरिया-डेंगू ने भी अपने पांव पसार दिए हैं लेकिन इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।क्योंकि हर सीएचसी पर डेंगू-मलेरिया से निपटने के लिए मुफ्त जांच व इलाज की व्यवस्था है। जांच में पुष्टि होने पर उसका इलाज किया जाएगा।
अमरोहा, जेएनएन। कोरोना के साथ-साथ मलेरिया-डेंगू ने भी अपने पांव पसार दिए हैं लेकिन, इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।क्योंकि, हर सीएचसी पर डेंगू-मलेरिया से निपटने के लिए मुफ्त जांच व इलाज की व्यवस्था है। जांच में पुष्टि होने पर उसका इलाज किया जाएगा। डेंगू व मलेरिया से बचने के लिए चिकित्सकों ने घर के आसपास जलभराव नहीं होने देने व नियमित सफाई करने की सलाह दी है।
कोरोना महामारी से अभी लोगों को निजात मिली नहीं कि जिले में मलेरिया-डेगू ने भी पांव पसार दिए हैं। सरकारी आकंड़ों के मुताबिक जिले में अभी तक 22 लोग प्रथम जांच में डेंगू आशंकित व 10 व्यक्तियों में मलेरिया की पुष्टि हुई है। जिसके चलते महकमा मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए अलर्ट हो गया है। संचारी रोग नोडल अधिकारी डॉ. विनोद कुमार का कहना है कि मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए हर सीएचसी पर मुफ्त जांच से लेकर इलाज की सुविधा की गई है। सीएचसी पर डेंगू किट व अन्य जांच उपकरण मौजूद है। लोगों को अब डेंगू या मलेरिया से घबराने की आवश्यकता नहीं है। डेंगू आशंकित की जांच के बाद उसका इलाज कराने की पूरी व्यवस्था है। नोडल अधिकारी डॉ. विनोद ने बताया कि बहुत से निजी चिकित्सक गलत जांच रिपोर्ट के आधार मरीज में डेंगू की पुष्टि कर देते हैं। जिससे मरीज घबरा जाता है और चिकित्सक उनकी जेब खाली करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि हम निजी लैब या निजी चिकित्सक की जांच रिपोर्ट नहीं मानते। हम अपनी ही सरकारी लैब की जांच रिपोर्ट को मानते हैं। रही बात डेंगू मरीज की तो घबराने की बात नहीं है। अगर कोई मरीज डेंगू आशंकित है तो वह सीधे सरकारी अस्पताल आकर मुफ्त जांच करा सकता है। ब्लाक स्तर पर हर सीएचसी पर जांच व इलाज की सुविधा है। जिसमें स्लाइड पर रक्त पट्टिका बनाकर आशा सीएचसी में सौंपती है।
तीन चरणों में होती डेंगू मरीज की जांच
नोडल अधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि डेंगू आशंकित मरीज की जांच तीन चरणों में होती है। पहली जांच व्यक्ति को बुखार आने पर एंटीजन ब्लड टेस्ट की हाेती है।। उसके बाद रोगी के ठीक नहीं होने पर दूसरी जांच आईजीजी, आईजीजीएम की होती है। दोनों जांच करने की सुविधा सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है, लेकिन तीसरी जांच के लिए एलाइजा की जांच के लिए जिला अस्पताल में पूरी व्यवस्था है। वहां से डेंगू की पुष्टी होने पर इलाज किया जाएगा।
डेंगू के लक्षण
नोडल अधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि किसी व्यक्ति के एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। अक्सर यह मच्छर दिन में तीन से छह बजे के बीच काटता है। जाड़ा देकर तेज बुखार आना, पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द और थकावट होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना डेंगू के लक्षण हैं।
डेंगू से बचाव
डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि घर के आसपास व नालियों में पानी एकत्र नहीं होने दे। घर पर नियमित सफाई करते रहे। डेंगू के मच्छर अक्सर कूलरों, गाड़ियों के टायरों, बर्तनों और रुके हुए पानी में पैदा होते हैं।