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Azam Khan Release: हमारी बर्बादी में अपनों का ही हाथ... कहकर आजम खां ने स्‍थानीय से शीर्ष नेताओं तक की बढ़ाई बेचैनी

आजम खां भले ही बात को घुमा गए लेकिन राजनीति के जानकार अच्छी तरह समझ रहे हैं कि उनका इशारा किस ओर है। भले ही उन्होंने अखिलेश यादव या नेताजी का नाम नहीं लिया लेकिन उनके समर्थकों ने एक बार भी अखिलेश या मुलायम सिंह जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 05:05 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 05:05 PM (IST)
Azam Khan Release: हमारी बर्बादी में अपनों का ही हाथ... कहकर आजम खां ने स्‍थानीय से शीर्ष नेताओं तक की बढ़ाई बेचैनी
आजम खां रामपुर से 10वीं बाद विधायक बने हैं

रामपुर, जेएनएन। आजम खां राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। सवा दो साल जेल में रहने के बाद भी एक तीर से कई निशाने साध रहे हैं। हमारी बर्बादी में अपनों का ही हाथ, कहकर उन्होंने कई लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। शहर में कई लोग ऐसे हैं, जो उनके बहुत करीबी रहे, लेकिन मुसीबत के दौर में किनारा कर गए। उनके समर्थक सपा मुखिया अखिलेश यादव से भी खफा चल रहे हैं। पिछले माह आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू ने उनके खिलाफ खूब बयानबाजी की। इसे लेकर आजम खां से मीडिया ने सवाल भी किए, लेकिन वह सीधे किसी के बारे में नहीं बोले, ज्यादा कुरेदने पर कहने लगे कि जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन के मामले में आठ मुकदमे कराने वालों को उन्होंने चेक से रकम दी थी, फिर भी मुकदमे कराए गए।

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आजम खां भले ही बात को घुमा गए, लेकिन राजनीति के जानकार अच्छी तरह समझ रहे हैं कि उनका इशारा किस ओर है। भले ही उन्होंने अखिलेश यादव या नेताजी का नाम नहीं लिया, लेकिन आजम खां जिंदाबाद के नारे लगा रहे उनके समर्थकों ने एक बार भी अखिलेश या मुलायम सिंह की जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए। आजम खां के सपा से रिश्ते पहले जैसे रहते हैं या नहीं, यह तस्वीर एक दो दिन में साफ हो जाएगी। उनसे कौन लोग मिलने आते हैं और कौन नहीं। सपा मुखिया अखिलेश यादव के भी रामपुर आने की बात चल रही है।

घर पर उमड़ रही भीड़: आजम खां के घर पर दूसरे दिन भी भीड़ लगी रही। लोग उनसे मिलने आते रहे। शुक्रवार शाम चार बजे वह घर पहुंचे थे। देर रात तक लोगों से मिलते रहे। शनिवार सुबह नौ बजे से ही लोग उनके घर आने लगे। बहेड़ी के सपा विधायक अताउर्रहमान भी उनसे मिलने रामपुर आए। शनिवार को वह मुकदमे की तारीख पर कचहरी गए तो वहां अधिवक्ता उनके पास पहुंच गए। सभी ने उनका हालचाल जाना। शाम तक घर पर भी लोग आते रहे।


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