शस्त्र लाइसेंस में वसूली का खेल उजागर, अन्य कई कार्यालय भी एसएसपी के रडार पर
क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस की रिपोर्ट लगाने पर वसूली के पर्दाफाश हुआ।
मुरादाबाद । क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस की रिपोर्ट लगाने पर वसूली के पर्दाफाश हुआ। इसके बाद डीसीआरबी समेत कई अन्य ऑफिस भी कप्तान की रडार पर आ गए।
सीओ को सौंपी गई जांच
थाने से लेकर कप्तान ऑफिस पर फाइल पहुंचने के लिए कितना समय लग रहा है। एक माह में कितनी फाइलें पहुंची हैं। इसका रिकार्ड तलब किया गया है। पूरे मामले की जांच सीओ लाइन को सौंप दी गई है।
आरोपित सिपाही को किया सस्पेंड
डीआइजी/एसएसपी जे रविन्दर गौड ने पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस की फाइल पर रिपोर्ट लगाने के नाम पर वसूली करने वाले सिपाही प्रशांत कुमार को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही एसपी देहात को जांच सौंप दी गई थी। प्रशांत पर कार्रवाई के बाद सामने आया कि थाने स्तर से लेकर कप्तान ऑफिस तक फाइल पहुंचने के लिए जितने कार्यालय से रिपोर्ट लगाई जाती है। प्रत्येक ऑफिस पर तैनात कांस्टेबल वसूली कर रहे हैं। ऐसे में कप्तान ने सभी ऑफिस की जांच बैठा दी है। सीओ लाइन से पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस की जांच गोपनीय तरीके से कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए है। 20 थानों में पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस की कितनी फाइलें पहुंची हैं। उनकी रिपोर्ट लगकर कप्तान ऑफिस तक कितनी गई। कितनी फाइलों को किस स्तर पर खारिज किया गया। साथ ही एक फाइल को थाने से कप्तान ऑफिस तक पहुंचने में कितना समय लगा। पूरे तथ्यों के साथ रिपोर्ट मांगी गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि अन्य पुलिसकर्मी भी कप्तान की कार्रवाई के घेरे में आ सकते हैं। हालांकि कांस्टेबल प्रशांत पर कार्रवाई के बाद सभी ऑफिस के पुलिसकर्मी सतर्क हो गए हैं। एसएसपी का कहना है कि वसूली करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
ऐसे पहुंचती है फाइल
थाने की रिपोर्ट के बाद सीओ ऑफिस पर और वहां से रिपोर्ट लगकर एलआइयू ऑफिस फाइल पहुंचती है। वहां से रिपोर्ट लगाने के बाद डीसीआरबी में आती है। यहां के बाद सीसीटीएनएस ऑफिस से रिपोर्ट लगती है। वहां से एसपी सिटी/एसपी देहात के ऑफिस में पहुंचती है। यहां से रिपोर्ट लगने के बाद एसएसपी ऑफिस पर पहुंचती है। वहां से रिपोर्ट लगने के बाद डीएम ऑफिस चली जाती है।