वर्चुअल दुनिया में वास्तविकता का अनुभव
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फार हैंडीक्राफ्ट्स (ईपीसीएच ) की ओर आयोजित।
मुरादाबाद, जेएनएन। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फार हैंडीक्राफ्ट्स (ईपीसीएच ) की ओर आयोजित पहला वर्चुअल फेयर निर्यातकों के साथ ही बायर्स के लिए अनूठा अनुभव है। अभी तक एक फेयर में शामिल होने के लिए बायर्स को हजारों किमी का सफर करके एक देश से दूसरे देश में जाना होता था। अब पूरी दुनिया एक लैपटॉप में सिमट गई है। खास बात यह है कि वर्चुअल फेयर होने के बावजूद यहां वास्तविकता का भी अहसास होता है। फेयर केवल निर्यातक और बायर्स के बीच वार्ता, आइटम देखने-दिखाने या वार्ता तक सीमित नहीं है। फेयर का सेटअप उसी अंदाज में खड़ा किया गया है, जैसे नोएडा एक्सपो मार्ट में भव्यता दी जाती रही है। ईपीसीएच ने वर्चुअल फेयर कर दुनिया भर को एक विकल्प दिया है। हालांकि अभी इसकी व्यवहारिकता पर परिणाम आना बाकी है। पर इसे भविष्य में भी अपनाया जाता है तो, सैकड़ों करोड़ रुपये की बचत होगी। ऐसे संचालित हो रहा फेयर
दिल्ली फेयर में बायर्स को आभासी दुनिया के साथ ही वास्तविकता का अहसास कराने की कोशिश की गई है। इसके लिए थ्रीडी स्टॉल बनाए गए हैं। नोएडा एक्सपो मार्ट वैसे ही सजाया गया है। पूरा हॉल सिस्टम खड़ा किया गया है। रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेगा प्रवेश रोडमैप में होगी जानकारी
फेयर में हिस्सा लेने के लिए सबसे पहला चरण रजिस्ट्रेशन है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बायर्स को दिल्ली हस्तशिल्प मेले में प्रवेश मिलेगा। प्रवेश लेने के बाद बायर को मेले का रोडमैप दिखाई देगा। निर्यातकों के नाम, उनकी फर्म और पता के साथ ही उनकी स्टॉल किस हॉल में किस नंबर की है यह भी बताया जाएगा। फेयर में घूमकर जाते हुए या फिर चाहे संबंधित निर्यातक के नाम पर क्लिक करते स्टॉल पर पहुंच सकेंगे। स्टॉल में तीन विकल्प मिलेंगे एक निर्यातक के सामान की कैटलॉक देखने के लिए इस पर क्लिक करते ही प्रोडक्ट देख सकेंगे। इन प्रोडक्ट को थ्री डी स्टाइल में तैयार किया गया। फोटो के साथ ही रेट के साथ पूरी जानकारी भी उपलब्ध होगी। दूसरे विकल्प निर्यातक से बात करने का है और तीसरा, आनलाइन मीटिग का है। बॉयर कोई भी आइटम पसंद आने के बाद वह निर्यातक से बात कर पाएंगे और जरूरत के अनुसार सैंपल भी मंगा सकेंगे। अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
मुरादाबाद से हर साल छह हजार करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात होता है। भारत से कुल होने वाले हस्तशिल्प निर्यात में 22 फीसद की हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है। निर्यात में अकेले मुरादाबाद का हिस्सा साठ फीसद का है। दिल्ली फेयर से मुरादाबाद को मिलने वाले कुल आर्डर का 30 फीसद कारोबार मिलता है। पिछले दिनों काम कम की वजह से मुरादाबाद के हालात खराब हुए हैं। अब आर्डर मिलते हैं तो मुरादाबाद की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी। वजह मुरादाबाद का अर्थचक्र घुमाने वाली एकमात्र निर्यात इंडस्ट्री ही है।
ये उत्पाद किए गए शामिल
इस मेले में घरेलू उत्पाद बाथरूम एसेसरी•ा, गार्डेन ऑर्नामेंट एंड एसेसरी•ा, लैम्प एलाइटिग एंड एसेसरी•ा, फर्नीचर, हार्डवेयर एंड एसेसरी•ा, होम फर्निशिग एंड मेडअप्स, कालीन, रग्•ा एंड फ्लोरिग्स, फैशन ज्वैलरी एंड एसेसरीज, सजावटी सामान, गिफ्ट जिनमें कॉर्पोरेट गिफ्ट, क्रिसमस गिफ्ट,फेस्टिव डेकोर, हस्तनिर्मित कागज, गिफ्ट, ट्वायज, मोमबत्तियां, अगरबत्तियां एपॉट शामिल हैं। रैंप पर बिखरा मॉडल्स का जलवा
आइएचजीएफ (इंडियन हैंडीक्राफ्ट गिफ्ट फेयर) दिल्ली मेले के दौरान होने वाले रैंप शो हमेशा से ही मेले में शिरकत कर रहे ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं। इस आयोजन में मेंबर एक्सपोर्टर्स अपने इनोवेटिव फैशन ज्वैलरी, एसेसरीज, चमड़े, केन और बांस के बने विशिष्ट उत्पादों को प्रदर्शित करते हैं। फेयर से तीन लाख से अधिक लोगों को उम्मीद
दिल्ली फेयर एक नई उम्मीद लेकर आया है। मुरादाबाद में छोटे-बड़े कुल मिलाकर तीन हजार निर्यातक हैं। इसके अलावा उनकी फैक्ट्रियों काम करने वाले कारीगर, कारखानेदार व स्वतंत्र रूप से काम करने वाले दस्तकारों को मिलाकर तीन लाख लोग निर्यात इंडस्ट्री में काम करते हैं। इन तीन लाख लोगों के परिवार इसी इंडस्ट्री पर निर्भर हैं। डिजाइन कॉपी करने पर नोटिस जारी
इसमे विभिन्न शहरों के करीब 1500 निर्यातकों एवम 3000 बायर्स तथा बाइंग एजेंट एसोसिएशन भाग ले रहे हैं। ऐसे में डिजाइन चोरी की भी आशंका है। एक दूसरे स्टॉल पर जाकर कोई आइटम कॉपी न कर सके इसके लिए लीगल सेल का भी गठन किया गया है। जिसकी सूचना सभी निर्यातकों को ईमेल से दी गई है। फेयर के चेयरमैन नीरज खन्ना ने बताया कि फेयर शुरू होने के बाद शिकायत मिलीं कि कुछ निर्यातक स्टॉल से आइटम कॉपी कर रहे हैं। इस सम्बंध में कल से अब तक 31 शिकायतें विभिन्न जगहों मिलीं। लीगल सेल ने ऐसे निर्यातकों को चिह्नित किया नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया हैं ।
तकनीकी खराबी से हुई परेशानी
पहले दिन तकनीकी खराबी के कारण निर्यातकों को परेशानी हुई। बड़ी संख्या में बायर्स को एंट्री ही नहीं मिल पाई। दूसरी ओर कई निर्यातकों के स्टॉल भी ओपन नहीं हो पाए। ऐसे में उनका पहला दिन बेकार निकल गया। इस मुद्दे को लेकर मुरादाबाद सहित, जोधपुर, जयपुर आदि जगहों के निर्यातकों ने अपनी शिकायत दर्ज की। फेयर चेयरमैन नीरज खन्ना ने बताया कि मंगलवार को सभी तकनीकी खामियों को दूर कर दिया गया और दूसरे अच्छे से कार्य हुआ है और कोई शिकायत भी नहीं आई। ----------------------------------------------------------------
फेयर से हस्तिशल्प निर्यात इंडस्ट्री से जुड़े निर्यातकों को एक नई उम्मीद मिली है। निराशाजनक माहौल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। इस फेयर से मिल कारोबार से भविष्य की दिशा तय होगी।
नीरज खन्ना, चेयरमैन वर्चुअल फेयर
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फेयर में यूरोपियन और अमेरिकन देशों के साथ ही आस्ट्रेलिया, अरब देशों के बायर्स के साथ ही बड़े-बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। यह एक अच्छा संकेत है। साफ की दुनिया कोरोनो के खौफ से निलकर आगे बढ़ने की तैयारी में है।
नवेद उर रहमान, उपाध्यक्ष ईपीसीएच