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आजम खां के खिलाफ जांच में कई विभागों के अफसरों को छूट रहा पसीना

पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ जांच कर रही एसआइटी ने गुरुवार को कई विभागों के अधिकारियों से पूछताछ की। साथ ही साक्ष्य भी मांगे। इससे अधिकारी घबरा गए और ठंड में पसीने-पसीने हो गए। दूसरी तरफ, भाजपा ने यह कहकर अफसरों को परेशानी में डाल दिया है कि जो भी साक्ष्य चाहिए हम उपलब्ध कराएंगे। ऐसे में आगे होगा, यह तो आने वाले वक्त बताएगा।

By RashidEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 01:02 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 01:02 PM (IST)
आजम खां के खिलाफ जांच में कई विभागों के अफसरों को छूट रहा पसीना
आजम खां के खिलाफ जांच में कई विभागों के अफसरों को छूट रहा पसीना

मुरादाबाद: पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ जांच कर रही एसआइटी ने गुरुवार को कई विभागों के अधिकारियों से पूछताछ की। साथ ही साक्ष्य भी मांगे। इससे अधिकारी घबरा गए और ठंड में पसीने-पसीने हो गए। दूसरी तरफ, भाजपा ने यह कहकर अफसरों को परेशानी में डाल दिया है कि जो भी साक्ष्य चाहिए हम उपलब्ध कराएंगे। ऐसे में आगे होगा, यह तो आने वाले वक्त बताएगा मगर प्रदेश के कई अफसरों को दिन में ही तारे नजर आ रहे हैं क्योंकि यह भले ही रामपुर से स्थानांतरित हो चुके हो, मगर जांच के घेरे से नहीं बचे हैं।

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तीन दिन से रामपुर में है एसआइटी टीम

एसआइटी टीम बुधवार शाम पांच बजे के बाद रामपुर पहुंची थी। टीम ने यहां आते ही जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह और पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीना से मुलाकात की और जांच में सहयोग की मांग की। जिलाधिकारी ने टीम के साथ सिटी मजिस्ट्रेट ओमप्रकाश तिवारी को लगा दिया, जबकि एसपी ने पर्याप्त पुलिस बल मुहैया करा दिया। गुरुवार को सुबह दस बजे ही टीम लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन से जांच पड़ताल के लिए निकल पड़ी। मौलाना मोहम्मद अली जौहर शोध संस्थान का मौके पर जाकर निरीक्षण किया। इस भवन में रामपुर पब्लिक स्कूल चल रहा है।

ये हैं आजम खां पर पूर्व मंत्री के पुत्र के गंभीर आरोप

शिकायतकर्ता पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के पुत्र मुस्तफा हुसैन ने आरोप लगाया है कि 21 करोड़ की लागत से बने इस भवन को नियम विरूद्ध तरीके से आजम खां की ट्रस्ट को 100 रुपये सालाना की लीज पर दे दिया गया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के अन्दर सरकारी पैसे से पंडाल, गेस्ट हाउस, बिजलीघर बनाने का भी आरोप लगाया है। इसी तरह यूनिवर्सिटी के पास रोड पर लोगों के घरों के सामने दीवार बनाने और लालपुर पुल को तोड़कर उसका मलबा गायब करने का भी आरोप लगाया गया है। यूनिवर्सिटी के लिए एकता चौराहे से करीब दो सौ करोड़ की लागत से पुल बनाने का भी आरोप है।

विभागों के अधिकारियों को तलब है टीम ने

पूर्व मंत्री हाजी निसार हुसैन के पुत्र मुस्तफा हुसैन ने आरोप की जांच में एसआइटी की टीम ने उपरोक्त सभी बिन्दुओं की जांच की। साथ ही इन निर्माण कार्यों से संबंधित विभागों के अधिकारियों को तलब किया।

शोध संस्थान को आजम की ट्रस्ट को दिए पर भी जानकारी

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद से जौहर शोध संस्थान को आजम खां की ट्रस्ट को दिए जाने के बारे में भी जानकारी ली। जौहर शोध संस्थान की इमारत को लीज पर दिए जाने संबंधी साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा।

जेल अफसरों से मांगे संबंधी प्रमाण पत्र

जेल के अधिकारियों से जेल की जमीन जौहर शोध संस्थान बनाने के लिए दिए जाने संबंधी प्रमाण पत्र मांगे।

रामपुर पब्लिक स्कूल को मान्यता कैसे

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी से पूछा कि रामपुर पब्लिक स्कूल को मान्यता कैसे दे दी गई। उन्होंने बताया कि यह उनसे पहले का मामला है। इस पर टीम ने उनसे रिकार्ड मुहैया कराने को कहा।

घरों के सामने दीवार कैसे बना दीं

इसी लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता से पूछा कि घरों के सामने दीवार कैसे बना दी गई और एक ही साइड में क्यों बनाई गई, दूसरी साइड में क्यों नहीं बनाई गई। इन तमाम सवालों के संतोषजनक जबाव पीडब्ल्यूडी के अधिकारी नहीं दे सके। जल निगम के अधिकारियों से यूनिवर्सिटी के अंदर निर्माण कार्य कराने के बारे में जानकारी की। जलनिगम के अधिशासी अभियंता योगेश रायजादा से काफी देर तक सवाल जवाब हुए।

संस्कृति विभाग के अधिकारी एसआइटी के हाथ नहीं आए

एकता चौराहे से यूनिवर्सिटी तक ओवर ब्रिज बनाने वाले सेतु निगम और जौहर यूनिवर्सिटी में पंडाल का निर्माण कराने वाले संस्कृति विभाग के अधिकारी एसआइटी के हाथ नहीं लग पा रहे हैं, क्योंकि इनका दफ्तर रामपुर में नहीं है। टीम शुक्रवार को भी रामपुर में है और जांच पड़ताल कर रही है।

टीम में हैं यह अफसर

लखनऊ से आई एसआइटी टीम में पुलिस उपाधीक्षक अशोक यादव, इंस्पेक्टर रविन्द्र प्रताप ङ्क्षसह, आरपी शुक्ला, विनोद त्रिपाठी शामिल हैं।

जो भी साक्ष्य चाहिए हम उपलब्ध कराएंगे : आकाश

रामपुर निवासी भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना ने भी एसआइटी के अधिकारियों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री आजम खां ने सत्ता में रहते जो भी अनियमितताएं बरती हैं उनके संबंध में हमारे पास तमाम साक्ष्य हैं। टीम को जो भी साक्ष्य चाहिए, हम उपलब्ध कराएंगे। शिकायतकर्ता मुस्तफा हुसैन और हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अब्दुल सलाम एसआइटी को बयान नहीं दे सके। हालांकि मुस्तफा हुसैन को एसआइटी ने फोन पर बयान देने के लिए बुलाया था, लेकिन वह उस वक्त शहर में नहीं थे। रात में अब्दुल सलाम ने भी एसआइटी अफसरों से मुलाकात की, लेकिन वह बयान शुक्रवार को दर्ज कराएंगे। इसी दिन मुस्तफा भी बयान देंगे।  


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