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Rakshabandhan पर सौहार्द की मिसाल, नमिता बांधती हैं सुलेमान को राखी, ईद पर मिलती है ईदी

Rakshabandhan 2022 धर्म से ऊपर उठकर हिंदू बहनें मुस्लिम और मुस्लिम बहनें हिंदू इसी तरह इसाई व सिखों के राखी बांधे तो यह प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है। एक दूसरे के परिवार में आपसी प्रेम ऐसा कि इससे बड़ी मिसाल नहीं हो सकती।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 08:05 AM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 08:05 AM (IST)
Rakshabandhan पर सौहार्द की मिसाल, नमिता बांधती हैं सुलेमान को राखी, ईद पर मिलती है ईदी
Rakshabandhan 2022 : सुलेमान को राखी बांधती नमिता। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Rakshabandhan 2022 : धर्म से ऊपर उठकर हिंदू बहनें मुस्लिम और मुस्लिम बहनें हिंदू, इसी तरह इसाई व सिखों के राखी बांधे तो यह प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है। एक दूसरे के परिवार में आपसी प्रेम ऐसा कि भाई बहन के इस त्योहार पर भाईचारे की इससे बड़ी मिसाल नहीं हो सकती। इस लोकतांत्रिक देश में धर्म बंधन से ऊपर उठकर रक्षा सूत्र का धागा बांधना एक दूसरे के प्रति रक्षा का संदेश देता है। शहर में कई ऐसे परिवार हैं, जहां धर्म से ऊपर उठकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है।

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19 साल से सुलेमान को बांध रहीं राखी

बुद्धिविहार की सेक्टर 18 में रहने वाली नमिता मधुकर अमरोहा के शफात पोता मुहल्ला निवासी सुलेमान को 19 सालों से राखी बांधती आ रही हैं। नमिता मधुकर का मायका अमरोहा के माधो सिनेमा के पास है। वह जब भी अपने भाईयों को राखी बांधने जाती हैं तो अपने सुलेमान भाई की कलाई पर रक्षासूत्र का धागा बांधती हैं।

नमिता कहती हैं कि वह एक कोचिंग में कंप्यूटर शिक्षा ग्रहण कर रही थीं। वहां सुलेमान भी कंप्यूटर सीखते थे। कंप्यूटर शिक्षा में कोई दिक्कत आई तो सुलेमान दूर करते थे। नमिता व सुलेमान के परिवार का एक दूसरे के यहां आना-जाना होने लगा। तभी से वह सुलेमान के राखी बांधती आ रही हैं। सुलेमान भी ईद पर नमिता को ईदी देते हैं। इस ईदी को नमिता खर्च नहीं करतीं। वह संभालकर कर रखे हुए हैं।

ईसाई प्रभा, प्रदीप सिन्हा के बांध रहीं राखी

जिगर कालोनी में टाइटस स्कूल कैंपस निवासी एवं मैथोडिस्ट गर्ल्स कालेज की शिक्षिका प्रभा कुमारी ईसाई हैं। वह डिप्टी गंज निवासी प्रदीप सिन्हा एडवोकेट, दीप सिन्हा और संदीप सिन्हा के राखी बांधती हैं। 50 वर्षीय प्रभा कुमारी ने जब से होश संभाला है तभी से राखी बांधती आ रही हैं।

प्रभा कुमारी के पिता स्व. पी लाल प्रदीप सिन्हा व इनके भाईयों को ट्यूशन पढ़ाते थे। इस दौरान दोनों परिवारों का एक दूसरे के घर आना जाना हुआ। तभी से राखी बांधती आ रही हैं। प्रभा देवी की बहन भी प्रदीप सिन्हा के राखी बांधती हैं। प्रदीप सिन्हा जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रभा कुमारी कहती हैं कि रक्षाबंधन का पर्व प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है। प्रदीप सिन्हा मेेरे सगे भाईयों के बराबर हैं।


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