राम-केवट संवाद का मंचन देख भाव-विभोर हुए दर्शक
लाइनपार की रामलीला में राम-केवट संवाद का मंचन देख दर्शक भावुक हो गए।
मुरादाबाद,जासं : लाइनपार की रामलीला में राम-केवट संवाद का मंचन देख दर्शक भावुक हो गए। वनगमन के दौरान श्री राम जब सीता व लक्ष्मण के साथ वनों को जाते हैं। गंगा पार करने के लिए श्री राम ने केवट से नाव मांगी लेकिन, उसने यह कहकर इंकार कर दिया। वह कहता है कि पत्थर को भी इंसान बना देने वाले के चरण मेरी काठ की नाव पड़ते ही स्त्री का रूप लेगी। इसी से मेरी रोजी चलती है। श्री राम के आग्रह करने पर केवट पैर धोने तक का मंचन हुआ। मंगलवार को गंगा पार उतराई का मंचन रामगंगा नदी पर होगा। राम सिंह कुंती कला संगम के राहुल कुमार ने बताया कि मंच पर श्री राम केवट संवाद के बाद मंगलवार को रामगंगा पर वास्तविक नाव उतराई का मंचन रामगंगा नदी पर होगा। इधर, दीनदयाल नगर की रामलीला का शुभारंभ हो गया है। पहले दिन श्री राम दरबार की आरती हुई। इधर, दसवां घाट पर श्री राम दरबार के चित्र की आरती उतारी गई।
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श्रीराम के धनुष तोड़ने पर सीता पहनाई वरमाला
अगवानपुर । नगर की रामलीला में सीता स्वंय का मंचन हुआ। धनुष टूटने के बाद सीता ने श्री राम के गले में जयमाला पहनाई। इस दृश्य को देख दर्शक हर्षित हुए। धनुष टूटते ही परशुराम स्वयंवर में क्रोध में भरे हुए पहुंचे और शिव धनुष तोड़ने वाले का नाम पहुंचा। श्री राम ने धनुष तोड़ने की बात स्वीकारी तो परशुराम के शब्दों के बाण चलने से लक्षमण क्रोधित हो उठे। जब परशुराम को पता चला कि शिव का धनुष तोड़ने वाले श्री राम हैं तो वह शांत हुए और आशीर्वाद देकर वापस लौट गए।