एसबीआइ से गायब हुए बिजली विभाग के 24 लाख रुपये, दो साल में 26 चेक के रुपये नहीं हुए ट्रांसफर
दो अगस्त 2018 से लेकर 27 अगस्त 2019 के बीच बैंक में बैंक ऑफ बड़ौदा एचडीएफसी पंजाब नेशनल बैंक इलाहाबाद बैंक सर्व यूपी ग्रामीण बैंक तथा सिंडीकेट बैंक के 26 चेक जमा किए गए। 28 दिसंबर 18 से 28 नवंबर 19 के बीच 13 बार नकद धनराशि जमा हुई।
मुरादाबाद, जेएनएन। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मेरठ के बबराला एसबीआइ में संचालित खाते में तकरीबन 24 लाख रुपये की रकम जमा नहीं की गई। रकम गायब है और दो साल से दोनों विभाग में लंबी खींचतान चल रही है। जब बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय स्तर से भी कोई कार्रवाई या जांच नहीं हुई तो बबराला के अधिशासी अभियंता ने एसबीआइ के मैनेजर के खिलाफ गुन्नौर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस विवेचना में जुट गई है। मामला 2018 से 2019 के बीच का है। कुल 26 बार चेक जमा हुए जबकि 13 बार नकद धनराशि जमा करने का दावा बिजली विभाग ने किया था।
बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि दो अगस्त 2018 से लेकर 27 अगस्त 2019 के बीच बैंक में बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी, पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, सर्व यूपी ग्रामीण बैंक तथा सिंडीकेट बैंक के 26 चेक जमा किए गए। इसके अलावा 28 दिसंबर 18 से 28 नवंबर 19 के बीच 13 बार नकद धनराशि जमा हुई। तहरीर के अनुसार यह धनराशि खाते में जमा नहीं की गई। जब इसका निपटारा बैंक स्तर से नहीं हुआ तो क्षेत्रीय कार्यालय में शिकायत हुई। वहां से भी इसका समाधान नहीं किया गया। अब विभाग ने बैंक मैनेजर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी। गुन्नौर इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि एफआइआर दर्ज कर विवेचना की जा रही है। अधिशासी अभियंता जेपी यादव ने बताया कि 24 लाख की धनराशि जमा नहीं की गई है। क्षेत्रीय कार्यालय को भी इससे अवगत कराया गया था तथा खाते में रुपये देने को कहा था लेकिन नहीं किया गया। पत्रों का भी जवाब नहीं दिया गया। लाॅक डाउन में गतिविधि ठप रही थी। अब एफआइआर कराई गई है। एसबीआइ बबराला के मैनेजर भीम सिंह ने बताया कि मुझे इसके बारे में जानकारी नहींं है। यह मेरे आने से पहले का मामला है। मुझे अभी यहां आए आठ से नौ माह ही हुए है। एजीएम एसबीआइ रामपुर आरडी सिंह ने बताया कि शिकायत आई थी। विभागीय स्तर पर जांच कराई जा रही है। अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। जांच रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि सच्चाई क्या है। बैंक की तरफ से यदि कोई दोषी मिला तो उस पर कार्रवाई होगी।
19.23 लाख के थे चेक
दो साल में कुल 26 चेक जमा किए गए। इसकी कुल धनराशि 19,23,363 रुपये थी। इसके अलावा दो साल में 13 बार नकद धनराशि जमा की गई। इसके तहत 5,10,961 रुपये जमा किए गए थे। तहरीर के अनुसार बिजली विभाग ने बैंक के कैशियर महेंद्र पाल को छह बार जबकि भगवत सिंह को सात बार धन दिया लेकिन यह पैसा जमा नहीं किया गया। इसकी कुल धनराशि 5.10 लाख रही। कुल 26 चेक में से 13 बैंक ऑफ बड़ौदा के रहे जबकि एचडीएफसी के तीन, सिंडीकेंट के दो, पीएनबी के तीन, सिंडीकेंट बैंक के दो, सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के दो तथा इलाहाबाद बैंक का एक चेक रहा।