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आंवला से चन्दौसी रेलमार्ग पर विद्युत इंजन सफलता पूर्वक दौड़ा Mordabad news

आंवला से चन्दौसी तक सफलता पूर्वक विद्युत इंजन का ट्रायल किया गया। हालांकि कमिश्नर रेलवे आफ सेफ्टी शैलेंद्र कुमार पाठक ने लिखित रूप से विद्युत इंजन चलाने की फिलहाल अनुमति नहीं दी है

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 03:04 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 10:00 AM (IST)
आंवला से चन्दौसी रेलमार्ग पर विद्युत इंजन सफलता पूर्वक दौड़ा Mordabad news
आंवला से चन्दौसी रेलमार्ग पर विद्युत इंजन सफलता पूर्वक दौड़ा Mordabad news

मुरादाबाद : आंवला से चन्दौसी तक सफलता पूर्वक विद्युत इंजन का ट्रायल किया गया। हालांकि कमिश्नर रेलवे आफ सेफ्टी शैलेंद्र कुमार पाठक ने लिखित रूप से विद्युत इंजन चलाने की फिलहाल अनुमति नहीं दी है। माना जा रहा है इस सप्ताह लिखित अनुमति मिल जाएगी।

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सोमवार सुबह 8.30 बजे स्पेशल ट्रेन से सीआरएस शैलेंद्र कुमार पाठक मुरादाबाद पहुंचे। पांच मिनट रुकी, इसमें मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश समेत अन्य अधिकारी सवार हो गए और स्पेशल ट्रेन चन्दौसी स्टेशन पर जाकर रुकी। सीआरएस ने चन्दौसी स्टेशनों पर बने फुट ओवर ब्रिज और चन्दौसी यार्ड में विद्युतीकरण के कार्य का निरीक्षण किया। चन्दौसी से आंवला तक स्पेशल ट्रेन को डीजल इंजन से चलाया गया। सीआरएस ने बीच रास्ते के रेल फाटकों, पुल, स्टेशनों का निरीक्षण किया। आंवला यार्ड में विद्युतीकरण के कार्य का निरीक्षण करने के बाद पावर केबिन का निरीक्षण किया। स्टेशन मास्टर से विद्युत इंजन से चलने वाली ट्रेनों के संचालन के बारे में जानकारी ली। दोपहर दो बजे स्पेशल ट्रेन में विद्युत इंजन लगाया गया है और आंवला से चन्दौसी से विभिन्न गति से चलाकर ट्रायल किया गया। विद्युत इंजन ने 45 किमी का सफर सफलता पूर्वक किया। आंवला से बरेली तक 26 किमी विद्युतीकरण के कार्य के बारे में सीआरएस ने जानकारी ली और काम में तेजी लाने का आदेश दिया। जनवरी तक कार्य पूरा करने का आदेश दिया है। 

विद्युत इंजन से चलाने की लिखित स्वीकृति नहीं मिली है, इसलिए चन्दौसी से आंवला तक निर्माण एजेंसी ने भी मंडल रेल प्रशासन ने नये विद्युतीकरण नहीं सौंपा है। लिखित अनुमति मिलने के बाद विद्युत लाइन प्रवर मंडल विद्युत अभियंता (टीआरडी) जितेंद्र कुमार को लाइन सौंप दिया जाएगा। 

मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने बताया कि सीआरएस द्वारा निरीक्षण कर लिया गया है। दो तीन दिन में विद्युत इंजन चलाने की अनुमति भी मिल जाएगी। 


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