कोरोना वायरस से लड़ने में बुजुर्गों ने दिखाया दम, इतने लोगों ने दी मौत को मात
मुरादाबाद में 402 बुजुर्गों ने मजबूत इच्छाशक्ति से कोरोना को हराने में पाई सफलता। अस्पताल में नहीं तोड़ा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का नियम।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना वायरस के चपेट में आने वाले बुजुर्गों की बेशक संक्रमण से मौत हुई है लेकिन, 50 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों की मजबूत इच्छाशक्ति के सामने कोरोना ने दम तोड़ दिया।
शहर की वेवग्रीन कालोनी की रहने वाली 65 वर्षीय सुधा आनंद और उनके बेटे ब्रजेश आनंद 27 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। बुखार आने की वजह से इन्हें टीएमयू कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि अस्पताल जाते समय मां-बेटे को कुछ घबराहट थी लेकिन, वहां पहुंचने के बाद मां-बेटे ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का नियम जारी रखा। काउंसिलिंग के साथ ही बेहतर डाइट से शरीर में किसी तरह की कमजोरी नहीं हुई। एक सितंबर तक उनकी तबीयत में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ। दोबारा हुए कोरोना टेस्ट में दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जिले में संक्रमण की वजह से 106 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें ज्यादातर लोग 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग शामिल हैं। मजबूत इच्छाशक्ति व रोग प्रतिरोधक क्षमता के बूते 402 बुजुर्ग ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना को मात दी। इनमें रेलवे अस्पताल से एक 93 वर्षीय और 85 वर्षीय महिलाएं भी शामिल हैं।
डायबिटीज के मरीजों का रखा खास ख्याल
टीएमयू कोविड-19 अस्पताल के प्रभारी डॉ वीके सिंह ने बताया कि 50 साल से ज्यादा उम्र वालों में 176 मरीज डायबिटीज के मरीज भर्ती हुए। उनके बारे में जानकारी होने के बाद डायबिटीज का इलाज भी किया गया। जिन मरीजों की डायबिटीज 300 से ज्यादा थी। उन्हें इंसुलिन देकर कंट्रोल किया गया। फिजिकल एक्सरसाइज के बारे में भी बताया गया। इससे उन लोगों में भी रिकवरी तेजी के साथ हुई। चौकी हसन खां के रहने वाले हाजी खुर्शीद अहमद 11 जून को भर्ती हुए थे। उन्हें भी इंसुलिन दिया गया। 20 जून को उन्हें भी अस्पताल से छुटटी दे दी गई। हमारी टीम अभी भी उनसे सेहत को लेकर बातचीत करती है। वो पूरी तरह स्वस्थ हैं। डायबिटीज है तो कोई बात नहीं, आपको घबराने की जरूरत नहीं है। समय से क्योर होने पर तबीयत पूरी तरह ठीक हो रही है।
30 साल से कम आधा दर्जन युवा ने तोड़ा
दमकोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले 21 से 30 साल के छह युवा कोरोना की चपेट में आकर मर चुके हैं। कोरोना संक्रमण होने के बाद इन्हें तनाव हो गया है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी हिम्मत भी जवाब दे गई। डॉक्टरों ने लाख प्रयास लेेकिन, उन्हें बचाया नहीं जा सका है। इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
402 बुजुर्गों ने दी कोरोना काे मात
बुजुर्गों की इच्छाशक्ति जाहिर कर चुकी है कि कोरोना को हाराना कठिन नहीं। जिले में अब तक 50 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग कोरोना संक्रमण को मात देकर अपने घर जा चुके हैं। अब वो पूरी तरह स्वस्थ हैं। शारीरिक व्यायाम के साथ खानपान से भी खुद का ध्यान रखा है। अब इनके पास जितने लोगों का फोन आता है। वो उनका हौसला बढ़ाते हैं।
डॉक्टर दे रहा संक्रमित को हौसला
कोविड-19 अस्पताल में आने वाले संक्रमितों की डॉक्टर काउंसिलिंग कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने बताया कि संक्रमित के अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर उसे समझा रहे हैं। कोरोना से उन लोगों की मौत हुई है जो गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचे हैं। सबसे ज्यादा संख्या ठीक होने वालों की है। इसलिए संक्रमण से घबराएं नहीं बल्कि इससे मुकाबला करने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।
जिलेे में 4,172 लोगों ने दी कोरोना को मात
जिले में 4,172 लोग अब तक कोरोना संक्रमण को मात दे चुके हैं। अब वो पूरी तरह स्वस्थ हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतर खानपान और एक्सरसाइज कर रहे हैं।
1898 मरीज हैं भर्ती
जिले में कोरोना संक्रमित हुए 1,898 लोगों का इलाज हो रहा है। इसमें 645 लोग होम आइसोलेशन में हैं। इसके अलावा महिला अस्पताल की नई बिल्डिंग, विवेकानंद नर्सिंग कालेज के हॉस्टल और टीएमयू में संक्रमितों का इलाज हो रहा है।