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आठ साल बीते, मुरादाबाद में सीवर लाइन डालने का काम अधूरा, जानिए कहां आ रही है अड़चन

अभी पुराने शहर के 14 नालों में पांच ही जुड़ पाए। वर्ष 2012 में शुरू हुआ सीवर लाइन प्रोजेक्ट आठ साल बाद की पूरा नहीं। दो साल में पूरे होने वाले इस प्रोजेक्ट में कई बार आई अड़चनें।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 09:39 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 09:39 AM (IST)
आठ साल बीते, मुरादाबाद में सीवर लाइन डालने का काम अधूरा, जानिए कहां आ रही है अड़चन
आठ साल बीते, मुरादाबाद में सीवर लाइन डालने का काम अधूरा, जानिए कहां आ रही है अड़चन

मुरादाबाद, जेएनएन। वर्ष 2012 में शुरू हुई सीवर लाइन डालने की योजना का काम आठ सालों में भी पूरी नहीं हो पाई। पुराने शहर में प्रथम चरण के तहत वर्ष 2014 में यह योजना पूरी होनी थी लेकिन त्योहार, दुर्घटनाएं, व्यापारियों का विरोध के चलते इस योजनाओं को कई बार ब्रेक लगे। कछुआ चाल चल रहे से सीवर लाइन डालने का काम अब आकर 98 फीसद पूरा हुआ है।

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चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनने हैं। सीवर लाइन व एसटीपी की तीन योजनाएं तो अभी शुरू भी नहीं हो पाई हैं। पुराने शहर में 58 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) का एसटीपी गुलाबबाड़ी में बनकर दो साल पहले तैयार हो चुका है। पुराने शहर में 50 एमएलडी पानी आठ लाख घरों से निकलता है। लेकिन, सीवर लाइन डालने का काम अभी भी जारी है। पुराने शहर के 14 नालों में पांच नालों का 21 एमएलडी पानी एसटीपी में शोधित होने लगा है। नौ नालों काे इससे जोड़ना शेष है।

यह आईं दिक्कतें

2012 में एसटीपी की जमीन चेंज होने से एक साल काम पिछड़ा। सितंबर 2014 में इंदिरा चौक पर सीवर खुदाई हादसे में तीन लोगों की मौत से से साल काम बंद रहा। प्रमुख बाजारों में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते त्योहारों के दौरान सीवर खोदाई एक से दो महीने तक बंद रही। मानसून में कम से कम तीन महीने रुक जाता है काम।

पुराने शहर के एसटीपी से जुड़ने वाले नाले

जिगर कॉलोनी- चंद्र नगर- कटघर - प्रभात मार्केट- जामा मस्जिद के दो में से एक नाला।

यहां नाले जोड़ना शेष

झब्बू का नाला- डेहरिया- कूड़ा घर- लाल बाग- जामा मस्जिद- नवाबपुरा बायां- नवाबपुरा दायां- बरवालान - घोसियान

प्रोजेक्ट की कीमत 244 करोड़

सीवर लाइन बिछाने का क्षेत्रफल 264 किलोमीटर।

अभी यहां भी बिछनी सीवर लाइन व एसटीपी

दूसरे चरण में राम गंगा विहार में करीब 144 किलोमीटर सिविल लाइन बिछनी है। 100 करोड़ का यह प्रोजेक्ट शासन से मंजूर हो गया। अप्रैल 2020 में काम शुरू होना था लेकिन एसटीपी की जमीन पर कुछ किसानों ने हाई कोर्ट में दावा पेश कर दिया। इसके चलते काम शुरू नहीं हो पाया है। यहां 25 एमएलडी का एसटीपी बनना है और पांच नाले इससे जुड़ने हैं। जमीन का प्रस्ताव शासन को भेजादिल्ली रोड स्थित गागन नदी पर 25 एमएलडी का एसटीपी स्वीकृत है। लेकिन, अभी जमीन नहीं मिली।

अभी आवास विकास ने जमीन तलाश कर शासन को प्रस्ताव भेजा है। सम्भल रोड पर भी 25 एमएलडी का एसटीपी बनना है लेकिन अभी जमीन नगर निगम ने नहीं तलाशी है। जल निगम से निरंतर पुराने शहर की एसटीपी बिछाने की प्रगति रिपोर्ट ली जा रही है। उन्होंने 98 फीसद सीवर लाइन डालने का काम पूरा होना बताया है। और 21 एमएलडी पानी शोधित भी होने लगा है। विनोद अग्रवाल, महापौर

हर महीने जल निगम के साथ बैठक में सीवर लाइन के काम पर भी समीक्षा होती है। जल्द काम पूरा करने के लिए नोटिस भी दिया जा चुका है। जल निगम के अनुसार दो फीसद काम शेष बचा है।संजय चौहान, नगर आयुक्त---शहर में सीवर लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा है। दिसंबर 2020 तक पुराने शहर के सभी 14 नाली एसटीपी से जुड़ जाएंगे।अरुण त्यागी, परियोजना प्रबंधक जल निगम


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