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मुरादाबाद पुलिस को और स्मार्ट बनाएगा ई-मालखाना, जानिए क्या होगा खास Moradabad News

हेड मोहर्रिर को चार्ज देने में अब नहीं लगेगा समय। एक क्लिक होते ही मोबाइल पर दिखने लगेगा सारा डाटा।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 02:40 PM (IST)
मुरादाबाद पुलिस को और स्मार्ट बनाएगा ई-मालखाना, जानिए क्या होगा खास  Moradabad News
मुरादाबाद पुलिस को और स्मार्ट बनाएगा ई-मालखाना, जानिए क्या होगा खास Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। ऑनलाइन शिकायतों का निस्तारण, एफआइआर, विवेचना और छुट्टïी लेने का काम तो मुुरादाबाद पुलिस कर ही रही है। थाना सिविल लाइंस में पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर ई-मालखाना पर काम शुरू हो गया है। इसमें मुकदमों में कब्जे मेें लिए गए माल (सामान) की फीडिंग शुरू हो गई है। फीडिंग होते ही कंप्यूटर की एक क्लिक पर मालखाने में जमा हर चीज की प्रोफाइल देखने को मिल जाएगी। इससे तबादला होने पर हेड मोहर्रिर को चार्ज देने के लिए महीनों का समय नहीं लगाना पड़ेगा। 

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चार्ज बदलने पर आती थी दिक्कत

मुरादाबाद रेंज के सभी थानों में अभी तक मुकदमों से संबंधित माल और आला कत्ल का रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इससे हेड मोहर्रिर के तबादले पर चार्ज बदलने में दिक्कत आती है। चार्ज देने में कई महीने लग जाते हैैं। वहीं माल को सुरक्षित रखने में भी दिक्कत आती थी। कई मुकदमों के माल गायब भी हो जाते थे। 

कई थानों में पहले से लागू है यह व्यवस्था

सीओ सिविल लाइंस एएसपी दीपक भूकर ने सिविल लाइंस थाने में ई-मालखाना की शुरुआत की है। प्रदेश के कुछ अन्य जिलों के थानों में यह व्यवस्था पहले से चल रही है। एएसपी जब जौनपुर के जाफराबाद थाने में एसओ के चार्ज पर थे, उस समय वहां ई-मालखाना की शुरूआत कराई। एसएसपी अमित पाठक से चर्चा के बाद सिविल लाइंस थाने में यह प्रणाली लागू करा रहे हैं। इसके बाद मुकदमों से संबंधित माल का विवरण मोबाइल पर भी आसानी से देखा जा सकेगा। 

एएसपी दीपक भूकर ने बताया सिविल लाइंस थाने में सफलता मिलने के बाद जिले के अन्य थानों में भी ई-मालखाना व्यवस्था शुरू कराई जाएगी। इसके बाद पूरे प्रदेश मेें यह व्यवस्था लागू हो सकती है। 

इसे कहते हैैं ई-मालखाना

स्मार्ट-ई- पुलिस की तरह ही ई-मालखाना का भी सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है। एएसपी दीपक भूकर ने बताया प्राइवेट इंजीनियर से सॉफ्टवेयर तैयार कराया था। इसमें थाने में जब्त माल का फोटो, मुकदमा अपराध संख्या, जब्त का स्थान, विवेचक का नाम, माल की अनुमानित कीमत समेत सात-आठ बिंदुओं की पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर पर होगी। इसके लिए एक क्यूआर कोड एक्टिवेट होता है। क्यूआर कोड को संबंधित माल पर लगा दिया जाएगा। इस एप के जरिए अधिकारी मोबाइल पर भी मालखाने की जानकारी कर सकेंगे। 


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