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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभ को जालसाजों ने एक महीने में बदल दिया दूल्हा, जानिए कैसे Amroha news

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुई घपलेबाजी में नया खुलासा हुआ है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 02:09 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 03:15 PM (IST)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभ को जालसाजों ने एक महीने में बदल दिया दूल्हा, जानिए कैसे Amroha news
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभ को जालसाजों ने एक महीने में बदल दिया दूल्हा, जानिए कैसे Amroha news

आसिफ अली (अमरोहा): मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुई घपलेबाजी में नया खुलासा हुआ है। जालसाजों ने न सिर्फ नाबालिग लड़कियों की शादी दर्शाकर पैसे हड़पे बल्कि योजना के तहत शादी होने के एक महीना बाद ही युवती का दूल्हा तक बदल दिया। जिस युवक के साथ शादी दर्शाकर धनराशि ली गई, उसके द्वारा सऊदी अरब से फोन पर तलाक देने का हवाला देते हुए दूसरे युवक से निकाह करा दिया। तलाक के नाम पर दूसरे मसलक के मौलाना से तलाकनामा भी तैयार करा लिया। इस सारे मामले में नगर पंचायत के अधिकारियों के साथ ही कस्बे का एक निजी चिकित्सक भी शामिल है। मामला प्रकाश में आने के बाद जालसाजों में खलबली मची है। 

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अफसरों ने स्‍थानीय लोगों के साथ मिलकर की धांधली 

नौगावां सादात नगर पंचायत क्षेत्र में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 में 48 जोड़ों की शादी कराई गई। इसमें नगर पंचायत के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों के साथ साठगांठ कर जमकर धांधली की है। उन्होंने नाबालिग की शादी होना दर्शा कर रकम हड़प ली। जबकि एक युवक को पता ही नहीं कि उसकी शादी हुई है। आरटीआइ के माध्यम से मिली जानकारी के बाद युवक को इसका पता चला है। इन मामलों में अफसरों से शिकायत की जा चुकी है। अब इस घपले में एक नया मामला सामने आया है। योजना के तहत मुहल्ला हटावाला निवासी युवती का निकाह 28 नवंबर 2018 को मुहल्ला गूला तालाब निवासी युवक से होना दर्शाया है। इसके बाद वर-वधू को धनराशि का चेक दे दिया गया। हैरत की बात तो यह है कि योजना के तहत दोनों का निकाह कराया ही नहीं गया था। वैवाहिक कार्यक्रम के चार दिन बाद कागजों में दूल्हा बनने वाला युवक सऊदी अरब चला गया। एक महीने बाद 26 दिसंबर को युवती का निकाह मुहल्ला गूला तालाब निवासी दूसरे युवक से कर दिया गया। इस सारे मामले में नगर पंचायत अधिकारियों के साथ कस्बे का एक निजी चिकित्सक भी शामिल है। मामले को छुपाने के लिए निजी चिकित्सक की मदद से योजना के तहत दर्शाई गई शादी से दंपती बने युवक-युवती के बीच फोन पर तलाक का हवाला दिया गया है। तलाकनामे के रूप में जोया निवासी दूसरे मसलक के मौलाना से तलाकनामा तैयार कराया गया। इस संबंध में निजी चिकित्सक ने फोन पर हुई वार्ता में योजना के तहत निकाह न होने की बात भी कुबूल की है जबकि, शरीयत के मुताबिक एक महीने में निकाह, तलाक व दूसरा निकाह नहीं कराया जा सकता। 

धार्मिक रस्में पूरी करने पर ही मुमकिन है दूसरा निकाह

शिया धर्मगुरु मौलाना शहवार हुसैन ने बताया कि एक महीने के भीतर पहले निकाह, फिर तलाक व फिर निकाह नहीं हो सकता। यह शरीयत के लिहाज से मुमकिन नहीं है। तलाक के बाद पीडि़ता को तीन महीने की धाॢमक रस्में पूरी करनी होती हैं। उसके बाद ही दूसरे शख्स से निकाह मुमकिन है। अगर एक महीने के भीतर यह हुआ है तो शरीयत के खिलाफ है। 

धांधली के आरोप की चल रही है जांच 

तहसीलदार नौगावां सादात मानालिसा जौहरी ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धांधली के आरोप की जांच चल रही है। शिकायतकर्ता व आरोपित पक्ष से साक्ष्य मांगे गए हैं। योजना के तहत हुई शादी में निकाह न होने के आरोप का मामला भी संज्ञान में है। सभी ङ्क्षबदुओं पर जांच की जा रही है। जल्द ही जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी। 


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