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World Environment Day : पर्यावरण की स्वच्छता के लिए बन गए ट्री मैन, आपको भी प्रेरित कर देगा डॉ. सक्सेना का कार्य Sambhal News

चिकित्सक जिसका अर्थ होता है रोगों का निदान करना और इसके लिए वह रोगी को दवा देते हैं जिससे उसका शरीर रोग मुक्त हो सके।

By Edited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 11:07 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 01:07 PM (IST)
World Environment Day : पर्यावरण की स्वच्छता के लिए बन गए ट्री मैन, आपको भी प्रेरित कर देगा डॉ. सक्सेना का कार्य  Sambhal News
World Environment Day : पर्यावरण की स्वच्छता के लिए बन गए ट्री मैन, आपको भी प्रेरित कर देगा डॉ. सक्सेना का कार्य Sambhal News

सम्‍भल, जेएनएन। चिकित्सक, जिसका अर्थ होता है रोगों का निदान करना और इसके लिए वह रोगी को दवा देते हैं, जिससे उसका शरीर रोग मुक्त हो सके। इन्हीं में से एक नगर के वृद्ध चिकित्सक डॉ. यूसी सक्सैना हैं जो लोगों को निरोग करने के साथ पर्यावरण को शुद्ध करने में लगे हुए है। उन्होंने क्षेत्र में करीब 20 हजार पौधों का रोपण स्वयं व दूसरों के माध्यम से कराया है। लॉकडाउन के कारण देश ही नहीं विश्व में फैक्ट्री, कारखानों के साथ अधिकांश सभी वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध था, लेकिन इस दौरान कुछ जरूरी सेवाओं से संबंधित वाहनों को छूट दी गई थी।

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काफी बदलाव देखने को मिला

अचानक सभी वाहनों व फैक्ट्रियों के बंद होने से पर्यावरण में काफी बदलाव देखने को मिला। इतना ही नहीं वातावरण में भी शुद्धि के कारण लोगों को सांस लेने में भी काफी अच्छा महसूस हो रहा था। प्रदूषण न होने की वजह से पेड़ पौधे भी काफी तीव्र गति से फल फूल रहे थे। सरकार व स्वयं सेवी संगठनों द्वारा पौध रोपण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम किए जाते है, जिसमें सरकार काफी खर्च होता है। परन्तु नगर के प्रसिद्ध वृद्ध चिकित्सक डॉ. यूसी सक्सैना स्वयं लोगों को पौधरोपण के प्रति जागरूक कर रहे है। डॉ. सक्सैना की कुछ कृषि भूमि नखासा थाना क्षेत्र के गांव में स्थित है। जिसकी मेढ़ व आसपास के क्षेत्र में उन्होंने सागौन, पीपल, आम नीम समेत अन्य प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने साथ गांव के अन्य लोगों को भी पौधरोपण के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें पौधे वितरित किए है। इस प्रकार करीब 20 हजार पौधे उन्होंने वितरित किए।

वाटिका में बिताते हैैंं समय  

अपने व्यस्त समय में प्रकृति प्रेम को और नजदीक से महसूस करने के लिए उन्होंने 24 बीघा क्षेत्र के बीचो बीच एक शांति कुंज नाम से एक वाटिका बनाई है। जहां पर दक्षिण भारत से लाया गया चीकू, देहरादून से लायी गई लीची, आम, अमरूद, जामुन, नाशपाती, नींबू के साथ कटहल व कई अन्य प्रजाति के पेड पौधे है। जहां पर कुछ देर बैठने से ही मन दिमाग को शांति व ताजी शुद्ध हवा मिलती है। इसलिए वह परिवार के साथ कुछ समय इस वाटिका में अवश्य बिताते है। उनके इस पर्यावरण प्रेम को देखते हुए ग्रीन मैन के नाम से प्रसिद्ध विजयपाल बघेल भी उनसे मिले थे और उनके कार्यों की सराहना की थी।


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