सामाजिक विसंगतियों पर डॉ. सरोजिनी ने किए प्रहार
मुरादाबाद (डॉ. मनोज रस्तोगी) : साहित्य सर्जन चाहे वह नाटक हो, कहानी हो या कविता, डॉ. सरोजिनी अ
मुरादाबाद (डॉ. मनोज रस्तोगी) : साहित्य सर्जन चाहे वह नाटक हो, कहानी हो या कविता, डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के लिए स्वान्त: सुखाय ही रहा है। उनका संपूर्ण साहित्य सामाजिक विसंगतियों, पारिवारिक रिश्तों में दरार, आर्तनाद करती नारी अस्मिता, संस्कारों का पतन, बढ़ती पाश्चात्य मनोवृत्तियों एवं रुढि़यों के कारण टूटते नारी मन की अभिलाषा और संवेदनाओं के आस-पास ही घूमता है। भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा
बीते साल प्रकाशित रेडियो नाटक 'नहीं झरेगी शेफाली' के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई है। 30 दिसंबर 2018 को संस्थान के स्थापना दिवस पर लखनऊ में समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसमें उन्हें 75 हजार की धनराशि, अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
'नहीं झरेगी शेफाली' में उनके 11 रेडियो नाटक फिर महकेंगे गुलाब, नदी प्यासी है, पाचवें नंबर की, सोने की बैसाखिया, टूटे हुए पुल, रोशनी के दिये, छाया मत छूना, कागज की नावें, एक और रूपकुंवर, जब ज्वालामुखी जागा और नहीं झरेगी शेफाली संगृहीत हैं। सभी नाटक नारी मन के अंतद्र्वंद्व और उनकी समस्याओं से जुड़े हुए हैं। वह बताती हैं कि उनका लेखन कहानी विधा से आरंभ हुआ। नाटक लिखने की प्रेरणा सन 1965 में मिली। उस समय उन्होंने गोकुलदास हिंदू कन्या महाविद्यालय में हिंदी प्रवक्ता के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। शुरुआत महाविद्यालय में आयोजित होने वाले सास्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एकाकी, झलकिया आदि लिखने से हुई। धीरे-धीरे नाट्य लेखन ही उनकी प्रमुख विधा बन गई । चार नाट्य कृतिया हो चुकी हैं प्रकाशित
पुरस्कृत कृति के अतिरिक्त उनकी चार नाट्य कृतिया आगन की नागफनी, सत्य पथ, किस्से जिंदगी के और तुम मनुष्य हो, प्रकाशित हो चुकी हैं। अधिकाश नाटक आकाशवाणी के रामपुर व दिल्ली केंद्र से प्रसारित हो चुके हैं। सत्यपथ दूरदर्शन के लिए लिखे गए नाट्य रूपान्तरण और टेली फिल्मों का संग्रह है। गुरुजी फिल्म प्रोडक्शन द्वारा सत्य पथ और मोहभंग पर निर्मित टेलीफिल्म दूरदर्शन से प्रसारित हो चुकी है। अपने-अपने सूर्यमुखी पर भी टेलीफिल्म निर्मित और प्रसारित हो चुकी है।
नाट्य कृतियों के अतिरिक्त डॉ. सरोजिनी का शोध प्रबंध- छायावाद का गीति, काव्य कहानी संकलन- शब्दों के घेरे से, अविराम, बोल री कठपुतली, निबंध संग्रह- वाग्धारा और काव्य संकलन, शब्द कलश, आओ पढ़े पढ़ाएं कृतिया प्रकाशित हो चुकी हैं।