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पुलिस को चकमा दे देशद्रोही रफी पहुंचा कश्मीर, मुजस्सम को नहीं मिली जमानत

रफी फारुख की लोकेशन कश्मीर में दिखाई दे रहे हैं। इससे अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। माना जा रहा है कि पुलिस मुकदमे की कार्रवाई में कछुआ चाल चल रही है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 02:52 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 09:05 AM (IST)
पुलिस को चकमा दे देशद्रोही रफी पहुंचा कश्मीर, मुजस्सम को नहीं मिली जमानत
पुलिस को चकमा दे देशद्रोही रफी पहुंचा कश्मीर, मुजस्सम को नहीं मिली जमानत

मुरादाबाद, जेएनएन । एमआइटी में फार्मेसी के छात्र मुजस्सम और रफी फारुख पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। रफी फारुख की लोकेशन कश्मीर में दिखाई दे रहे हैं। इससे अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। माना जा रहा है कि पुलिस मुकदमे की कार्रवाई में कछुआ चाल चल रही है। उधर, मुजस्सम को कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई है।

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लिखा था पाकिस्तान जिंदाबाद

रामगंगा विहार स्थित एमआइटी कॉलेज में फार्मेसी के छात्र ऊमरी सब्जीपुर निवासी मुजस्सम के वाट्स-एप स्टटेस पाकिस्तान जिंदाबाद लिखा हुआ था, जिसे लेकर कॉलेज गेट पर ङ्क्षहदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने फायङ्क्षरग की थी। विवाद इतना बढ़ा कि मुजस्सम और कश्मीरी छात्र रफी फारुख के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया। बाद में आइटी एक्ट की धाराएं भी बढ़ाई गईं। विवेचना को अब इंस्पेक्टर अवधेश को दे दिया गया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो अभी मुकदमे की विवेचना को कछुआ गति से चलाने के संकेत विवेचक को दिए गए हैं। यही कारण है कि रफी फारुख को पुलिस गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो पाई। दिल्ली में मोबाइल बंद करने के बाद रफी ने कश्मीर पहुंचकर ऑन किया है। उसकी लोकेशन कश्मीर मिलने पर पुलिस मान रही है कि रफी घर पहुंच गया है।

रफी के खिलाफ पुलिस जुटा नहीं पाई ठोस साक्ष्य

रफी के फेसबुक की डिटेल भी पुलिस को नहीं मिल पाई है। खुफिया एजेंसी ही रफी की जानकारी जुटाने में लगी हुई है। माना जा रहा है कि रफी और उसके कुछ दोस्तों की जानकारी मिल भी गई है। फिर भी मुकदमे में सबूत बनाने लायक साक्ष्य नहीं मिले हैं। कालेज से रफी की उपस्थिति का रिकार्ड भी लिया जा रहा है।

मुजस्सम मामले पर निगाह

जेल गए फार्मेसी के छात्र मुजस्सम को अभी तक जमानत नहीं मिली है। मामला गरमाने की वजह से परिवार के लोगों ने अब जमानत की अर्जी डालने से हाथ खींच लिए हैं। पुलिस पर लगातार देशद्रोह की धारा हटाने के लिए सिफारिश लगाई जा रही है। उधर, ङ्क्षहदू संगठन के लोग भी इस मुकदमे पर निगाह रखे हुए हैं। पुलिस को डर है कि यदि देशद्रोह की धारा हटा दी गई तो ङ्क्षहदूवादी संगठन दोबारा बवाल कर सकते हंै। इसलिए पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कवायद चल रही है।

पुलिस जुटा रही है सुबूत

मुजस्सम और रफी फारुख दोनों ही छात्रों की कॉलेज से उपस्थिति का रिकॉर्ड लिया है। जांच में सामने आया कि दोनों की मित्रता या जुड़ाव भी सामने नहीं आया है। पुलिस सभी तथ्यों को आधार रखते हुए साक्ष्य जुटा रही है। ताकि कोर्ट में पेश किया जा सकें।

जे रविन्दर गौड, एसएसपी  


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