मेडिकल उपकरण बेचने के लिए चिकित्सक ने अपलोड की फोटो, क्यूआर कोड से ठग लिए 72 हजार Moradabad News
साइबर ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब पढ़े-लिखे लोग भी इसके शिकार बन रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। मेडिकल उपकरण खरीदने के बहाने साइबर ठग ने एक डॉक्टर के खाते से 72 हजार रुपये उड़ा लिए। मामले में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दे दी गई है।
यह है पूरा मामला
थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के आशियाना फेस वन निवासी डॉ. रवि गंगल अपनी क्लीनिक चलाते हैं। वे आइएमए के पूर्व अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने मेडिकल उपकरण को बेचने के लिए ओएलएक्स पर फोटो अपलोड की थी। इसके बाद ओएलएक्स के माध्यम से ही उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद का नाम सैय्यद अहमद अजीम बताया। वह उनसे उपकरण खरीदने की बात करने लगा। बाद में एक क्यूआर कोड डॉक्टर के मोबाइल पर भेज कर कहा इसे स्कैन करते ही आपके खाते में रकम चली जाएगी। डॉक्टर ने उस क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से स्कैन किया तो पेटीएम के माध्यम से उनके एक्सिस बैंक अकाउंट से चार बार में 72 हजार 888 रुपये कट गए। इसके बाद वह समझ पाए कि साइबर ठग ने क्यूआर कोड भेजकर पेटीएम के माध्यम से उनकी रकम गायब की है।
साइबर सेल में की शिकायत
डॉक्टर ने इसकी शिकायत एसएसपी ऑफिस और साइबर सेल में की। प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइंस नवल मारवाह ने बताया कि डॉक्टर की तहरीर पर मोबाइल नंबर के आधार पर अज्ञात आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी और आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है।
साइबर ठगों ने बैैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा
साइबर ठगों ने एक बेरोजगार युवती से बैैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली। गलशहीद पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। आरोपितों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
गलशहीद थाना क्षेत्र के असालतपुरा निवासी महविश शाद कुछ समय से नौकरी खोज रही है। उसने मोबाइल के माध्यम से नौकरी डॉट कॉम पर नौकरी के लिए एप्लाइ किया था। बाद में पांच अलग-अलग मोबाइल नंबर से उसके पास कॉल आई। कॉल करने वालों ने बताया कि तुम्हारा निजी बैंक मुरादाबाद में चयन हो गया है। इसके बाद रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 24 दिसंबर को 2100 रुपये जमा करा लिए। इसके बाद 4500 रुपये शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के वेरिफिकेशन के नाम पर जमा करा लिए। इतना ही नहीं बाद में महविश के पास एक मेल आई। जिसमें बताया कि तुम्हारी नौकरी लग गई है। सिक्योरिटी के लिए 14 हजार 100 रुपये जमा कर दो। इस तरह साइबर ठगों ने अलग-अलग मद में 20 हजार 700 रुपये बैंक खाते में जमा करा लिए। सारा पैसा जमा करने के बाद भी उसे नियुक्ति पत्र नहीं मिला। बाद में आरोपियों का मोबाइल भी बंद हो गया। युवती को चिंता है कि कहीं उसके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का गलत इस्तेमाल न हो। शिकायत के आधार पर गलशहीद थाना पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। प्रभारी निरीक्षक गलशहीद अजीत रौरिया ने बताया कि साइबर सेल की मदद से आरोपितों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही ठगों का पता कराया जाएगा।