Move to Jagran APP

भुलाए नहीं भूलता मिट्टी की हांडी में बनी दालों का स्वाद : पाल

रामपुर महोत्सव में माटी कला मेला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनपद के साथ ही पड़ोसी जनपदों के तमाम शिल्पकारों ने हिस्सा लिया। मिट्टी से बनी वस्तुओं का प्रदर्शन किया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 03:10 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 03:10 PM (IST)
भुलाए नहीं भूलता मिट्टी की हांडी में बनी दालों का स्वाद : पाल
भुलाए नहीं भूलता मिट्टी की हांडी में बनी दालों का स्वाद : पाल

मुरादाबाद, जेएनएन। रामपुर महोत्सव में प्रशासन की ओर से माटी कला मेला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनपद के साथ ही पड़ोसी जनपदों के तमाम शिल्पकारों ने हिस्सा लिया। मिट्टी से बनी वस्तुओं का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही परंपरागत चाक एवं इलेक्ट्रिक चाक की सहायता से मिट्टी के बर्तन बना कर दिखाए।

loksabha election banner

शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ के चेयरमैन सूर्य प्रकाश पाल ने फीता काट कर किया

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ के चेयरमैन सूर्य प्रकाश पाल ने फीता काट कर किया। उसके बाद उन्होंने अधिकारियों संग स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने मिट्टी के तबा, बोतल, कड़ाही, थाली कटोरी व टिफिन आदि की सराहना की। उसके बाद उन्होंने व सीडीओ शिवेंद्र कुमार ङ्क्षसह ने चाक पर स्वयं भी बर्तन बना कर देखे।

देश में मिट्टी की कला बहुत पुरानी है, हम इस कला को देख कर बड़े हुए

इस अवसर पर श्री पाल ने कहा देश में मिट्टी की कला बहुत पुरानी है। बचपन से हम इस कला को देख कर बड़े हुए। मिट्टी के बर्तनों का उपयोग ही पहले घरों में हुआ करता था। हालांकि आज धातु के बर्तन बाजार पर हावी हो चुके हैं। प्लास्टिक ने भी हमारे रोजमर्रा के जीवन में काफी घुसपैठ कर ली है। इसके चलते मिट्टी के बर्तन और अन्य वस्तुयें देखते ही देखते बाजार से ओझल होती गईं। आज कितने भी आधुनिक बर्तन बाजार में उपलब्ध हों, लेकिन जिन लोगों ने मिट्टी की हांडी में बनी दालों का स्वाद चखा है, वे उसे भुला नहीं सकते।

नजरंदाज करने का परिणाम यह हुआ कि माटी कला से जुड़े लोग हुए बेराजगार

आज मिट्टी के बर्तनों को नजरंदाज करने का परिणाम यह हुआ कि माटी कला से जुड़े लोग बेराजगार हो गए। सरकार ने इसके लिए ही इस कला को प्रोत्साहित करने का विचार बनाया। इसको लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। माटी कारीगरों के जीवन का स्तर उठाने को शासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि आधुनिकता की दौड़ में लुप्त हो चुकी इस कला को पुनर्जीवित करके इस कला से जुड़े शिल्पियों को आगे बढ़ाया जाए। शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक के बर्तनों को छोड़ कर स्वास्थ्य के लिए हितकर मिट्टी बर्तनों की ओर हमारा झ़ुकाव हो। प्रशासन द्वारा इसको लेकर जो प्रयास किया जा रहा है, वह सराहनीय है।

रामपुर, नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़ व मुरादाबाद के शिल्पकारों ने भी हिस्सा लिया

मेले में रामपुर के अलावा नोएडा, बुलंद शहर, हापुड़ व मुरादाबाद आदि के शिल्पकारों ने भी हिस्सा लिया। माटी कला ओद्योगिक उत्पादन सहकारी समिति लिमिटेड के सभापति राजीव लोचन, जिला उद्योग केंद्र उपायुक्त सुशील कुमार शर्मा, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी आईए खान, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष मोहन लाल सैनी, प्रजापति समाज के अध्यक्ष लाल ङ्क्षसह प्रजापति, गंगाराम प्रजापति व दिनेश प्रजापति आदि उपस्थित रहे।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.