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थाने में खड़े वाहन का फिटनेस बनाने पर संभागीय निरीक्षक दोषी

पशु तस्करी में पकड़े गए वाहन का थाने में खड़े होने के बाद भी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने पर परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक और वाहन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश अपर सिटी मजिस्ट्रेट प्रथम के द्वारा दिए गए हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 10:28 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 10:28 PM (IST)
थाने में खड़े वाहन का फिटनेस बनाने पर संभागीय निरीक्षक दोषी
थाने में खड़े वाहन का फिटनेस बनाने पर संभागीय निरीक्षक दोषी

मुरादाबाद, जेएनएन। पशु तस्करी में पकड़े गए वाहन का थाने में खड़े होने के बाद भी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने पर परिवहन विभाग के संभागीय निरीक्षक और वाहन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश अपर सिटी मजिस्ट्रेट प्रथम के द्वारा दिए गए हैं। एक माह की जांच के बाद एसीएम प्रथम ने जिलाधिकारी राकेश कुमार ङ्क्षसह को जांच रिपोर्ट भेजकर कार्रवाई किए जाने के लिए संस्तुति की है।

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आरटीआई कार्यकर्ता पवन अग्रवाल ने इस मामले में जिलाधिकारी को सात अगस्त 2020 को एक शिकायत पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि परिवहन विभाग के आरआइ अरङ्क्षवद कुमार व पशु तस्करी में पक ड़े गए वाहन का स्वामी गुलनवाज ने पुलिस और अदालत को गुमराह करके वाहन को रिलीज करा लिया है। वहीं, संभागीय निरीक्षक ने बिना की किसी दस्तावेज को देखे थाने में खड़े वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट बनाकर दे दिया है। इस शिकायत पर डीएम ने मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिए थे। जांच का जिम्मा अपर सिटी मजिस्ट्रेट प्रथम राजेश कुमार को सौंपा गया था। लगभग एक माह तक चली जांच के बाद एसीएम प्रथम ने आठ पेज की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मामले में संभागीय निरीक्षक और वाहन स्वामी संयुक्त रूप से दोषी है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में वाहन स्वामी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई व आरआइ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा है। वहीं आरटीआइ कार्यकर्ता पवन अग्रवाल ने कहा कि वह परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोली है। इस तरह के कई मामले हैं, जिसमें अधिकारियों ने हमसाज को होकर वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं।

30 जून को पुलिस ने पकड़ा था वाहन

गलशहीद थाना पुलिस ने 30 जून 2020 को चेङ्क्षकग के दौरान असालतपुरा चौराहे से पांच पशुओं के साथ छोटा हाथी वाहन को पकड़ा था। इस वाहन को सीज करके थाने में खड़ा कर दिया था। वहीं, वाहन स्वामी ने आरआइ से सांठगांठ करके बिना वाहन की जानकारी लिए फिटनेस प्रमाण पत्र बना दिया था। इसके बाद इसी फिटनेस प्रमाण पत्र को अदालत में पेश करके वाहन को रिलीज करा लिया था।

क्या बोले अधिकारी 

थाने खड़े सीज वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र बनाने के मामले की जांच करके रिपोर्ट भेज दी गई है। इस मामले में रिपोर्ट के आधार पर उच्च अधिकारी नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

राजेश कुमार, एसीएम प्रथम  


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