जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए सौदेबाजी, माननीय बोले-सपा से 20 ले लो, समाजवादी वाले भी पैसा दे रहे हैं
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए लेनदेन की बातें आम हो रहीं हैं। रविवार को सपा के एक माननीय और उनके करीबी जिला पंचायत सदस्य के वायरल हुए ऑडियो ने कुर्सी के लिए होने वाली सौदेबाजी पर मुहर लगा दी है।
मुरादाबाद, जेएनएन। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए लेनदेन की बातें आम हो रहीं हैं। रविवार को सपा के एक माननीय और उनके करीबी जिला पंचायत सदस्य के वायरल हुए ऑडियो ने कुर्सी के लिए होने वाली सौदेबाजी पर मुहर लगा दी है। माननीय फोन रिसीव करते ही कहते हैं कि तुम मुझको बेवकूफ समझ रहे हो या ज्यादा चालाक हो गए। तुम बिक गए तो मुझे बताया क्यों नहीं। अभी भी वक्त है, सपा से बीस... ले लो इज्जत बच जाएगी।
माननीय : आ गए हो तुम
जिला पंचायत सदस्य पति : आज रात तक दुकान पर पहुंच जाऊंगा
माननीय : तुम मुझको बेवकूफ समझ रहे हो या तुम बहुत बड़े चालक समझ रहे हो। तुम्हारे तो फोटो आ गए। तुम एक रिसोर्ट में तहमद पहने खाना खा रहे हो।
पति : कौन से फोटो
माननीय : तुम बिक गए तो मुझे बताया क्यों नहीं। साहब मैं भी बिक गया हूं।
पति : बिकने की बात नहीं है। बात हो गई थी। इसके बाद मैं यह देखने गया था कि उनके पास कितने सदस्य हैं। वह वाली बात सही निकली जो मैंने आपको बताया था।
माननीय : तुम मुझे साफ-साफ बताओ, क्या करना है। तुमने मेरा नाम भी मिट्टी में मिला दिया।
पति : तुम तो यह कह देना वह मेरी बात नहीं मान रहा। तुमने प्रत्याशी उस समय उतारा है, जब दूसरी पार्टी के पास जीत से भी ज्यादा सदस्य हो चुके थे। उनसे यह भी कहो उसकी जिम्मेदारी मेरी बाकी को बुला लो।
माननीय : तुमसे बड़ा अहसान फरामोश कौन है। दूसरे नेता का टिकट काटकर सपा से सभी लोगों ने चुनाव लड़ाया।
पति : तुम इनसे यह बात पूछो कि मुझे तो कोरोना हो गया था, तुमने उसे क्यों चुनाव नहीं लड़ाया। अब समाजवादी की बात कर रहे हो। उस समय पार्टी का एक जिम्मेदार व्यक्ति दूसरे प्रत्याशी के लिए वोट देने को कह रहा था। अब मैं क्या करूं मीट की दुकान का लाइसेंस रद कर दिया।
माननीय : दस महीने बाद सपा की सरकार आएगी तब भी तो सारे लाइसेंस रद होंगे। इंसान की एक इज्जत होती है। पैसा ही सबकुछ नहीं होता है। समाजवादी वाले भी पैसा भी दे रहे हैं।
पति : कहां दे रहे हैं, वो सिर्फ दस देने की बात कर रहे हैं।
माननीय : वहां भी तुमको बीस से ज्यादा नहीं मिलेंगे। मैं इन सब लोगों को जानता हूं। तुमको जनता ने उन लोगों को जिताने के लिए वोट नहीं दिए थे। तुम ऐसे लोगों को वोट देगो जो धर्मस्थल तुड़वाने का काम कर रहे हैं। पांचों वक्त की नमाज पढ़ने वाले इस तरह वोट देंगे तो क्या होगा।
पति : हमारे अलावा और भी तमाम सदस्य ऐसे हैं, जो उनके साथ हैं। फिर मुझे की क्यों निशाना बनाया जा रहा है। आपका ही एक और चेला उनके साथ है।
माननीय : अभी से इज्जत बचानी है तो सपा से ही बीस ले लो। जिले के एक माननीय आज ही सपा मुखिया के यहां कसम खाकर आए हैं। अपने सभी वोट पार्टी को दिलाऊंगा।
पति : मैं चुनाव लड़ रहा था तो कोई लड़ाने के लिए नहीं आया। ऐसे में आपके टिकट दिलाने का क्या फायदा हुआ। दूसरे समाज के तीन लोग जबरदस्त लड़ गए तो मैं जीत गया।
माननीय : तुमको शर्म आनी चाहिए। जिसको बाप समझा उसी को धोखा दिया। 20 दिलवा रहा हूं। अब भी मेरी और अपनी साख बचा लो।
पति : मैं मशविरा कर लूं। इसके बाद आपको बता दूंगा
माननीय और जिला पंचायत सदस्य पति ने रखी अपनी बात
मेरी सिफारिश पर टिकट मिलने के बाद जीतने वाला दूसरे दल को वोट देगा तो तकलीफ होनी लाजिमी है। पार्टी के टिकट पर जीता है तो वोट देना चाहिए। इसलिए मैंने उससे बात की। मैंने तो बातचीत में पैसे मिलने की चर्चा होने की बात की है।
माननीय
मेरी तो माननीय से फोन पर बात हो रही थी। मैंने उनके सामने अपनी बात रखी थी। उन्होंने ही मुझे सपा का टिकट दिलाया था। कुछ लोग उन्हें भड़काने का काम कर रहे हैं। पता नहीं उन्होंने आडियो किस मकसद से वायरल कर दिया।
जिला पंचायत सदस्य के पति