सम्भल के दिलजले को गैंगस्टर कोर्ट ने दी दो साल की सजा, पांच हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा
अपराध को जीवन यापन का जरिया बनाने वाले रहमत उर्फ दिलजले को कोर्ट ने दो साल कैद व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दिलजले मूलरूप से सम्भल का रहने वाला है। उस पर लूटपाट व पुलिस पर फायरिंग करने का आरोप था।
मुरादाबाद, जेएनएन। अपराध को जीवन यापन का जरिया बनाने वाले रहमत उर्फ दिलजले को कोर्ट ने दो साल कैद व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दिलजले मूलरूप से सम्भल का रहने वाला है। उस पर लूटपाट व पुलिस पर फायरिंग करने का आरोप था। गैंगस्टर एक्ट के आरोपित द्वारा खुद का गुनाह कबूल करने के बाद गैंगस्टर कोर्ट ने दिलजले को सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक राजीव कुमार त्यागी के मुताबिक 20 नवंबर 2009 को मैनाठेर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत तीन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। बताया कि रहमत उर्फ दिलजले निवासी ग्राम हीरापुर असमोली सम्भल में लुटेरों के गिरोह का सरगना है। उसके गिरोह में हीरापुर के ही सनव्वर उर्फ चिकना व मैनाठेर का रहने वाला यासीन सक्रिय सदस्य हैं। 16 जनवरी 2008 को सिरसी, मुर्करबपुर रोड पर रहमत व उसके दोनों साथियों ने तमंचे के बल पर मुर्शरफ की बाइक व मोबाइल फोन लूट लिया। सात अक्टूबर 2008 को तीनों बदमाशों ने पुलिस पार्टी पर तमंचे व बंदूक से फायर झोंका। मौके से रहमत व उसका एक साथ पकड़े गए। दूसरे दिन महफूज को भी पुलिस ने दबोच लिया। साक्ष्य व बदमाशों के बयान के आधार पर पुलिस ने माना कि गिरोह के तीनों सदस्य अभ्यस्त अपराधी हैं। वह अपराध को कमाई का जरिया बना चुके हैं। एसएसपी की संस्तुति पर डीएम ने तीनों को गैंगस्टर एक्ट के तहत पाबंद किया। बीते दो अप्रैल को रहमत उर्फ दिलजले ने विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट पुनीत कुमार गुप्ता की कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया। खुद का गुनाह कबूल करते बताया कि वह लंबे समय से जेल में है। प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने दिलजले को दो साल कैद व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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