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दिल्ली की टीम ने सौंपी जांच रिपोर्ट, गंभीर बीमारी नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने ली राहत की सांस, Moradabad news

बिलारी विकासखंड क्षेत्र के अहलादपुर खेम उर्फ रायपुर गांव में भेजी गई टीम ने ग्रामीणों के रक्त की जांच रिपोर्ट उनको सौंप दी है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 05:02 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 05:02 PM (IST)
दिल्ली की टीम ने सौंपी जांच रिपोर्ट, गंभीर बीमारी नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने ली राहत की सांस, Moradabad news
दिल्ली की टीम ने सौंपी जांच रिपोर्ट, गंभीर बीमारी नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने ली राहत की सांस, Moradabad news

मुरादाबाद। बिलारी विकासखंड क्षेत्र के अहलादपुर खेम उर्फ रायपुर गांव में  भेजी गई टीम ने ग्रामीणों के रक्त की जांच रिपोर्ट उनको सौंप दी है। इस रिपोर्ट में किसी भी ग्रामीण को कोई बीमारी नहीं निकली है। टीम ने ग्रामीणों को एहतियात बरतने की हिदायत दी है। 

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170 ग्रामीणों के खून को जांच के लिए किया गया था एकत्र 

गत 28 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली ने अहलादपुर खेम उर्फ रायपुर गांव में हेपेटाइटिस सी नामक बीमारी की जांच पड़ताल के लिए 170 ग्रामीणों का रक्त संग्रह किया गया था। उसकी जांच रिपोर्ट लेकर मंगलवार को दिल्ली के चार डॉक्टरों की टीम गांव में पहुंची। इसमें तीन महिला चिकित्सक और एक पुरुष चिकित्सक शामिल थे। प्राइमरी स्कूल परिसर में यह टीम पहुंची। इनके सहयोग के लिए जिला और स्थानीय स्तर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे। जैसे ही गांव में पता चला दिल्ली वाली टीम जांच रिपोर्ट लेकर आई है तो संबंधित रोगी और उनके स्वजनों की भीड़ उमड़ पड़ी। चिकित्सकों ने मरीजों को जांच रिपोर्ट सौंपी और उनसे बातचीत की। 

रिपोर्ट में नहीं आई खतरनाक बीमारी सामने 

बताया कि जांच में कोई भी गंभीर अथवा खतरनाक बीमारी सामने नहीं आई है। इसलिए चिंता करने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस बीमारी का इलाज चार छह महीने बाद भी हो सकता है। जब तक मेरठ और लखनऊ के बाद जिला मुख्यालयों पर भी इसके इलाज की सुविधा सबके लिए उपलब्ध हो जाएगी। 

चिकित्सकों ने बीमारी मुक्त होने का तरीका बताया 

चिकित्सकों ने बताया यह बीमारी पानी से नहीं होती है। रायपुर गांव का पानी ठीक है। यह संक्रमित सुई, कई बार प्रयुक्त हो चुके रेजर से ही फैलती है। इसलिए ध्यान रखें प्रत्येक बार नई सुई और नए ब्लेड का इस्तेमाल हो। इस टीम द्वारा मरीजों को बताया गया क्या करना है और क्या नहीं करना है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ विनीता अग्निहोत्री, एसीएमओ डॉ डीके प्रेमी, सीएचसी बिलारी के चिकित्साधीक्षक डॉ संदीप गुप्ता, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक गिरजेश कुमारी, प्रतिरक्षण अधिकारी सतीश कुमार, एएनएम क्षमा शर्मा, अमित मौर्य, बीसीपीएम मनीष कुमार आदि ने सहयोग किया।


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