जानलेवा पुल : चली गई थी 22 लोगों की जान, अब भी खतरा है बरकरार
कपूर कंपनी पुल बनाए जाने की मांग आज की नहीं है, बल्कि वर्षों पुरानी है। हादसे के बाद इस पुल को जब दोबारा से बनाए जाने की तैयारी शुरू हुई तो इसे चौड़ा करने की मांग उठी थी।
मुरादाबाद । कपूर कंपनी पुल बनाए जाने की मांग आज की नहीं है, बल्कि वर्षों पुरानी है। हादसे के बाद इस पुल को जब दोबारा से बनाए जाने की तैयारी शुरू हुई तो इसे चौड़ा करने की मांग उठी थी। इसके बाद रेलवे की ओर से नक्शा भी तैयार हुआ था। लेकिन, प्रशासन और नगर निगम का सहयोग नहीं मिलने के कारण कार्य लटक गया।
22 लोगों की चली गई थी जान
1990 में कपूर कंपनी पुल पर हादसे में 22 लोगों की जान गई थी। घटना के बाद पुल का दोबारा से निर्माण होना था। निर्माण के दौरान सामाजिक संगठन ने सक्रियता दिखाई और पुराने लोहे के फुट ओवर ब्रिज के बजाय सीमेंटेड पुल बनाने की मांग रखी। इसके लिए आंदोलन भी चला। मांग को लेकर संगठनों ने अधिकारियों से मुलाकात कर ज्ञापन दिए। इसके चलते काफी समय तक पुल का निर्माण रुका रहा। इसके बाद रेलवे ने नए पुल का डिजाइन तैयार कराया। ये पुल करीब पहले पुल की तुलना में लंबाई में तीन गुना और चौड़ाई में दोगुना था। इसमें 13 पिलर लगाए जाने थे। पुल की डिजाइन तैयार होने के बाद रेलवे, प्रशासनिक व नगर निगम के अधिकारियों के बीच वार्ता भी चली। लेकिन ये प्रयास परवान नहीं चढ़े और सब फाइलों डिब्बे में बंद हो गईं। बाद में लोहे का फुटओवर ब्रिज बना दिया गया।
हेलेट रोड पर उतरा एक ओर का ढलान
जिस पुल का डिजाइन तैयार हुआ था उसे लाइन पार में कैल्टन नाले के नजदीक से शुरू करके रेलवे लाइनों को पार कर कपूर कंपनी चौराहे के ऊपर से निकालकर हेलेट रोड पर अग्निशमन कार्यालय के नजदीक उतारा जाता।
यह बनाई गई है योजना
महानगर को जाम की समस्या से बचाने के लिए फव्वारा चौराहे से कपूर कंपनी चौराहा, स्टेशन रोड, इंपीरियल तिराहा, रोडवेज बस स्टैंड को पार करते हुए फ्लाईओवर बनाने की योजना है। इसकी डीपीआर भी बन चुकी है। भाजपा नेता इसे स्वीकृति कराने के लिए प्रयासरत हैं। अगर इस फ्लाईओवर को स्वीकृति मिल जाती है तो कपूर कंपनी से लाइनपार की ओर बनने वाले पुल से जोड़ा जा सकता है।
बेहद जरूरी है पुल का निर्माण
विक्की रस्तोगी का कहना है कि बचपन से ही इस पुल से गुजरते चले आ रहे हैं। हर दिन परेशानी झेलनी पड़ती है। लोगों की समस्या को देखते हुए पुल का निर्माण बेहद जरूरी है। ङ्क्षरकी ने बताया कि रेलवे लाइन के दोनों ओर रहने वाले लाखों लोग इस पुल से जुड़े हुए हैं। जनप्रतिनिधियों को इतनी बड़ी जनसंख्या के हितों को ध्यान में रखते हुए पुल का निर्माण कराना चाहिए। मदन सिंह का कहना है कि ऐसा नहीं है कि यहां से पुल नहीं बन सकता। दिक्कत यह है कि अधिकारी आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन समस्याओं की फाइल खुलती तक नहीं हैं। विकास कुमार का कहना है कि कपूर कंपनी पुल के बने बिना लाइनपार का क्षेत्र महानगर नहीं बन सकता। विशाल आबादी वाले क्षेत्र में अधिकारी भी यदाकदा पहुंचते हैं, यही कारण है विकास में पिछड़ रहा है। किरण ने बताया कि पुल से हजारों लोग रोजना गुजरते हैं। इस ओर आने के लिए कोई वाहन भी नहीं है। अगर दिल्ली रोड की ओर से घूमकर आएं तो बाजार तक पहुंचने में में डेढ़ घंटे का समय लग जाएगा।