Positive India:कोरोना वायरस के वार को नाकाम करने को आगे आईं बेटियां Moradanad News
छजलैट के नजराना गांव में गरीबों को बांट रहीं मास्क। 10 हजार मॉस्क तैयार कर चुकी हैं अब तक। स्नेह संस्था ने दी मदद मास्क में कपड़ा और डिस्पोजल पेपर का प्रयोग।
मुरादाबाद,जेएनएन। कोरोना को हराने में ग्रामीण क्षेत्र की बेटियां भी किसी से कम नहीं हैैं। स्नेह संस्था की मदद से वे अपने हाथों से मास्क तैयार करके गरीब बस्तियों में बांट रही हैैं।
थाना छजलैट क्षेत्र के नजराना गांव में रहने वाली शोभा गांव की अन्य बेटियों के साथ मिलकर स्वयं सहायता समूह चलाती हैैं। इसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैैं। बेटियों की यह टीम समूह के जरिये सिलाई-कढ़ाई, मधुमक्खी पालन के अलावा किसानों को खेती के गुर भी सिखाती हैैं। कोरोना से जंग लडऩे के लिए देश में लॉकडाउन हुआ तो शोभा और उसके समूह ने मास्क बनाने की ठान ली। इसके लिए उन्हें निर्यातक सीएल गुप्ता की पत्नी शिखा गुप्ता की सामाजिक संस्था स्नेह की मदद मिली। युवतियों ने जनता कफ्र्यू के अगले दिन से ही मास्क बनाने शुरू कर दिए। मास्क बनाने का काम युवतियां शोभा के घर पर कर रही हैं। इस दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम का भी पालन हो रहा है।
टीम ने तैयार किए दस हजार मास्क
मास्क बनाने के लिए कपड़े और डिस्पोजल पेपर का इस्तेमाल किया जा रहा है। संस्था की सदस्य गरिमा सिंह का कहना है कि शोभा के प्रयास से निर्यात फर्म में काम करने वाले श्रमिकों के अलावा कई गरीब बस्तियों के लोगों को मास्क मुहैया कराए गए हैैं। शोभा और उसकी टीम ने करीब दस हजार मास्क तैयार किए हैैं। प्रशासन को भी मास्क बांटने के लिए दिए गए हैैं।
ये हैं टीम में शामिल
अनुराधा, मंजू, इंद्रेश, ज्योति, दीपा, मोनी, पिंकी, अल कमर, सबरीन, शहनाज, निमेष, लक्ष्मी, बबीता, अंजू व नजराना
मैैं और मेरी बहन सुधा कई साल से समूह बनाकर ग्रामीण क्षेत्र की युवतियों को सिलाई-कढ़ाई सिखाकर रोजगार से जोड़ रहे हैैं। अब कोरोना से लड़ाई के लिए मास्क बनाकर बांटे जा रहे हैैं। इसमें स्नेह संस्था का सहयोग मिला है। शोभा, समाजसेविका