आत्मनिर्भर बन दरिंदों को सजा दिलाएंगी बेटियां
दरिंदगी की शिकार बेटियां अब आरोपितों को खुद सजा दिलाने के लिए खुद आत्मनिर्भर बन रही हैं। कोई सिलाई तो कोई कढ़ाई का काम सीख रही है।
सुशील कुमार, मुरादाबाद (जेएनएन) दरिंदगी का शिकार महानगर की 27 बेटियां गम के अंधेरे में उजाला तलाश रही हैं। दङ्क्षरदों के खिलाफ कानूूनी जंग और समाज से लडऩे के साथ ही 12 बेटियां अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इन बेटियों का दाखिला पुलिस की मदद से कालेजों में हुआ है। 15 दुष्कर्म पीडि़ताएं सिलाई और कढ़ाई का काम सीख रही हैं ताकि वह अपनी जीविका खुद चला सकें। पाकबड़ा और कांठ के कॉलेज में पढ़ रहीं इन पीडि़ताओं का कहना है कि आरोपित को सजा तो दिलाएंगे ही, कुछ ऐसा भी करेंगे, जो बेटियों के लिए प्ररेणा बने।
कोई हासिल कर रही शिक्षा तो कोई सीख रही सिलाई कढ़ाई
मुरादाबाद में 2018 के नौ माह में पॉक्सो एक्ट और सामूहिक दुष्कर्म के 58 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें से 45 पीडि़ताओं का मेडिकल हुआ है। वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। पुलिस ने 54 पीडि़ताओं की काउंसलिंग कराई हैं, ताकि वे भी खुद को समाज का एक हिस्सा मानकर आगे बढ़ें। काउंसलिंग के बाद दरिंदगी की शिकार 12 नाबालिग बेटियों ने पढऩे की इच्छा जाहिर की। पुलिस की मदद से इनका एडमिशन शहर और देहात के कस्बों में स्थित कॉलेजों में कराया गया। इनमें से चार बेटियों के परिवार ने पढ़ाने में असमर्थता जताई। जिस पर एसएसपी की ओर से चारों को मुफ्त शिक्षा दिलाई गई हैं। कालेजों के अंदर उनके साथ कोई भेदभाव न हो, इसके लिए विशेष कमेटी बनाई गई है, जो नारी उत्थान केंद्र से हर 15 दिन में निरीक्षण के लिए जाती है। इसके अलावा 15 बेटियां ऐसी हैं, जिन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई और कढ़ाई कराना सिखाया जा रहा है।
खुद की कमाई से दिलाएंगी आरोपित को सजा
15 बेटियों ने कहा कि वे सिलाई-कढ़ाई सीखने के बाद आत्मनिर्भर बनकर अपनी कमाई से ही मुकदमा लड़कर आरोपितों को सजा दिलाना चाहती हैं। वे परिवार पर निर्भर नहीं रहना चाहती हैं। सभी बेटियों को शहर के विभिन्न सिलाई और कढ़ाई सेंटरों पर मुफ्त में ट्रेनिंग दी जा रही है।
95 को दिलाया आर्थिक लाभ
महिला उत्थान केंद्र की तरफ से 2015 से 2017 तक 95 दुष्कर्म पीडि़ताओं को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दिलाई जा चुकी है। ताकि वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। 25 आवेदन हाल ही में मदद लेने के लिए आए हैं, जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है।
बेटियों में दिखी आत्मनिर्भर बनने की चाह
नारी उत्थान केंद्र की तरफ से 54 पीडि़ताओं को काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के बाद सभी बेटियों में आत्मनिर्भर बनने की चाह दिखी। पीडि़ताओं को आरोपित को सजा दिलाने के लिए मजबूत किया जा रहा है, ताकि वो आखिर तक आरोपित के सामने टूटे नहीं।
- जे रविन्दर गौड, एसएसपी