कार में जिंदा जल गई थी बेटी, जीआरपी सिपाही ने मिटाए साक्ष्य, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा Moradabad News
हादसे में जीआरपी जवान की भूमिका पूरी तरह संदेह के दायरे में है। जवान बेटी की मौत होने के बाद सिपाही ने अपनी मर्जी से उसका अंतिम संस्कार क्यों कर दिया।
मुरादाबाद, जेएनएन। गाजियाबाद में तैनात जीआरपी के सिपाही की बेटी कार में जिंदा जल जाने के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में संदेह के दायरे में आए जीआरपी के सिपाही और उसके ससुरालियों के खिलाफ लापरवाही और साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज किया है।
यह है पूरा मामला
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रानीनांगल निवासी किरन पाल यादव जीआरपी गाजियाबाद में कांस्टेबल है और मुरादाबाद में ड्यूटी कर रहा था। तीस अप्रैल की रात वह हाईस्कूल में अध्ययनरत अपनी सौतेली बेटी पारुल के साथ वह कार से ठाकुरद्वारा आया था। बताया था कि ससुराल शिवनगर पत्थरखेड़ा के पास कार जलने पर पारुल की मौत हो गई थी जबकि, किरनपाल यादव सुरक्षित बच गया। इसके बाद किरनपाल ने पुलिस को सूचना दिए बिना ससुर गजराम सिंह, पत्नी के भाई कपिल यादव और अर्जुन की मदद से शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अगले दिन उसकी अस्थियों को गांव के पास नदी में बहा दीं। ग्राम प्रधान की सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर कार को कब्जे में लिया। इसके बाद फारेंसिक टीम ने भी पहुंचकर जांच की। कार के टकराने के पुलिया पर निशान नहीं मिलने, करनपाल के सुरक्षित बचने और पुलिस को सूचना दिए बिना अंतिम संस्कार करने पर शक गहराने लगा। सीओ विशाल यादव और कोतवाल सतेंद्र सिंह पंवार से पूछताछ में किरनपाल ने बताया कि कार की पुलिया से टक्कर लगने पर आग लगी है। रानीनांगल चौकी प्रभारी प्रमोद कुमार की तहरीर पर किरनपाल यादव, उसके ससुर और उसकी पत्नी के भाई के खिलाफ साक्ष्य छुपाने का मुकदमा दर्ज किया है। कोतवाली प्रभारी सत्येंद्र सिंह के अनुसार लापरवाही और साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। इस मामले में आगे जो तथ्य आएंगे उसके मुताबिक कार्रवाई होगी।
सिपाही की बेटी की मौत के पीछे छुपा है बड़ा राज
सिपाही की बेटी की मौत के पीछे की कहानी तो कुछ और ही है। कोई भी कानून का रखवाला होकर इस तरह की हरकत यूं ही नहीं कर सकता है। इसके पीछे कोई बड़ा राज छुपा है। सिपाही कानून से तो अनजान नहीं था।