बिजनौर से मुरादाबाद तक तेंदुए का खौफ, विभाग नाकाम
मुरादाबाद : उत्तराखंड और बिजनौर के जंगल से लगे मुरादाबाद जिले में बीते एक वर्ष से तेंदुए की द
मुरादाबाद : उत्तराखंड और बिजनौर के जंगल से लगे मुरादाबाद जिले में बीते एक वर्ष से तेंदुए की दहशत है। आम लोगों के जहन से खौफ निकालने में वन विभाग नाकाम है। तेंदुए को दबोचने के लिए वन विभाग की टीम ने दुधवा नेशनल पार्क के वन्य जीव विशेषज्ञों की भी मदद ली। इसके तहत जिस क्षेत्र में तेंदुए का मूवमेंट हुआ वहा पिंजरे लगाने के साथ सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे की मदद से नजर रखने की कोशिश भी हुई। तेंदुआ पिंजरे में कैद तो नहीं हुआ, लेकिन सीसीटीवी फुटेज के जरिए उसका मूवमेंट जरूर दिखाई दिया। हाल यह है कि तेंदुआ शहर की सीमा से महज पाच किमी दूर कोकरपुर गाव में होने की पुष्टि भी हुई। वन विभाग का मानना, अपने घर में टहल रहा तेंदुआ
तेंदुए को आप भले ही वन्य जीव समडों, लेकिन वन विभाग के अफसर रिहायशी बस्ती व इसके आसपास के खेत को तेंदुए का घर बताते हैं। वन विभाग के अफसरों के इस दावे के बाद उनकी मंशा समझना कठिन नहीं है। उप प्रभागीय वन अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक तेंदुआ जंगल के बाहरी क्षेत्र व मानव बस्ती के इर्दगिर्द ही रहता है। तेंदुए की भेंट चढ़े मासूम बच्चे ठाकुरद्वारा का नयागाव बहादुर नगर निवासी तेरह वर्षीय मुहम्मद यासिन तीन फरवरी 2018 की रात तेंदुए का निवाला बना।
17 सितंबर को बालापुर गाव के रहने वाले दस वर्षीय शिवा को तेंदुए ने मार डाला।
22 दिसंबर को खेत गई ख्वाजापुर की मंडैया निवासी सात वर्षीय महिमा को तेंदुए ने मार डाला। बोलने से कतरा गए अफसर
वन विभाग की विफलता व तेंदुए के लगातार मूवमेंट से उपजी दहशत पर बोलने से वन विभाग के अधिकारी भी कतरा रहे हैं। डीएफओ कन्हैया पटेल ने कहा कि इस मुद्दे पर वह कुछ भी नहीं बोल सकते।