खतरनाक! दीपावली से पहले देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर बना मुरादाबाद
दीपावली से पहले मुरादाबाद में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से चिंता बढ़ गई है। दीपावली पर इसके खतरनाक स्तर पर पहुंचने की आशंका है। लोगों से आतिशबाजी कम करने का आग्रह है।
मुरादाबाद (जेएनएन)। मौसम में बदलाव के साथ ही प्रदूषण भी विकराल रूप लेने लगा है। अभी नवंबर की शुरुआत है और जीवनदायिनी हवा गुणवत्ता के मानकों पर फेल हो रही है। पहले पांच दिन में ही हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में है। दीपावली से पहले मुरादाबाद देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में सातवें स्थान पर रहा। इसके साथ ही धुंध के हालात बनने लगे हैं। देर शाम धुंध का प्रभाव भी दिखाई दिया। गनीमत रही कि पछुआ हवा चलने के कारण धुंध छंट गई, लेकिन पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई।
लोगों को सांस लेने में दिक्कत
इसके कारण देर शाम लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार आने वाले दिनों में दिक्कत और बढ़ेगी। बुधवार को दीपावली की रात पटाखे चलाए जाने के कारण प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर को भी पार करेगा। दूसरी ओर तापमान में भी गिरावट आ रही है। अगर, हवा नहीं चलती है तो दीपावली पर जलाए गए बारुद का प्रदूषण कई दिनों में छंट पाएगा। पिछले साल भी ऐसी ही स्थिति रही थी। सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर नोएडा रहा। दूसरे स्थान पर गाजियाबाद, तीसरे पर फरीदाबाद और दिल्ली पांचवें स्थान पर रही। कुल मिलाकर पहले पांचों स्थानों पर दिल्ली एनसीआर के शहर रहे। इस सूची में मुरादाबाद सातवें स्थान पर रहा। अगर स्थिति ऐसी ही रही तो मुरादाबाद इस सूची में तेजी से टॉप की ओर बढ़ेगा।
देश के प्रदूषित शहरों की सूची
नोएडा में प्रदूषण का स्तर 449, गाजियाबाद में 447, फरीदाबाद में 440, दिल्ली में 435, कानपुर में 383, मुजफ्फरनगर में 383, आगरा में 382, मुरादाबाद में 375 व भिवाड़ी में 351 रहा।
आतिशबाजी तय करेगी आबोहवा
लगातार बढ़ता प्रदूषण लोगों की सांस में जहर घोल रहा है। मौसम में ठंडक बढऩे के साथ ही हवा में प्रदूषित होती जा रही है। आए दिन प्रदूषण का स्तर बढऩे से हवा सांस लेने योग्य नहीं रहती। दीपावली में एक दिन शेष है और उससे पहले ही आतिशबाजी शुरू हो चुकी है। इसका प्रभाव हवा पर पडऩे लगा है। अभी से हवा में प्रदूषण का स्तर गुणवत्ता सूचकांक में खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। बीते वर्ष नवंबर में शहर का पूरे महीने हवा का गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) चार सौ के पार दर्ज किया गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड (सीपीसीबी) के ही आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष चार नवंबर को मुरादाबाद का नाम देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दर्ज किया गया था। उस दौरान शहर का एक्यूआइ 513 था। ऐसे में यदि हम न चेते तो स्थिति बद से बदतर हो सकती है। हवा को स्वच्छ बनाए रखने में पटाखों से दूरी बनाएं और पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं।
बढ़ेगी धुंध तो घुटेगा दम
दीपावली पर आतिशबाजी के चलते शहर में धुंध बढ़ेगी। इससे सांस लेने में मुश्किल होगी। खासकर सांस और हृदय रोगियों के लिए यह समय बेहद मुश्किल भरा होगा। इस धुंध कई दिन छाए रहने के आसार हैं। जब तक हवा में मिले प्रदूषित कण हवा से दूर नहीं हो जाते तब तक शहरवासियों पर खतरा बना रहेगा।
पटाखे कम चलाने की अपील
सहायक वैज्ञानिक विमल राजपूत ने बताया कि प्रदूषण का स्तर तभी कम होगा जब लोग स्वयं जागरूक होंगे। दीपावली पर हर वर्ष आतिशबाजी के चलते प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। हवा सांस लेने योग्य नहीं रहती। ऐसे में लोगों से अपील है कि पटाखे कम से कम जलाएं। पर्यावरण स्वच्छ रखने में अपनी सहभागिता निभाएं। हवा बीस किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही है। इस रफ्तार पर प्रदूषण के कणों को हवा एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बहाकर ले जाती है। इससे जहां प्रदूषण अधिक होता है वहां और अधिक हो जाता है।