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प्रदूषण के स्तर में गिरावट पर खतरा बरकरार Moradabad News

मुरादाबाद जेएनएन। सरकारी अधिकारियों के दावों के बीच शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 08:30 AM (IST)
प्रदूषण के स्तर में गिरावट पर खतरा बरकरार Moradabad News
प्रदूषण के स्तर में गिरावट पर खतरा बरकरार Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। सरकारी अधिकारियों के दावों के बीच शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को मुरादाबाद की हवा पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। गुरुवार को गुणवत्ता में सुधार हुआ लेकिन, इतना नहीं था, जिससे राहत महसूस की जा सके। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सात बजकर 44 मिनट के बुलेटिन के मुताबिक मुरादाबाद में हवा का गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 368 दर्ज किया गया जो रेड जोन में शामिल है। पिछले तीन दिनों से शहर लगातार लाल घेरे में बना हुआ है। पीएम 2.5 की स्थिति भी खराब है। गाजियाबाद, बागपत, ग्रेटर नोएडा और पानीपत का एक्यूआइ चार सौ के पार पहुंच गया। बुधवार के मुकाबले गुरुवार को एक्यूआइ में कुल 23 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

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इस कारण बनी हुई है शहर की हवा जहरीली

कोहरा होने के कारण हवा का बहाव नहीं हो पाता है। इन्वर्जन की स्थिति के कारण जो भारी हवा ऊपर जाती है, ऊपर पहले से विद्यमान ठंडी हवा उसको ऊपर जाने से रोक देती हैं। जिससे सतह से कुछ मीटर की दूरी पर कार्बन डाईआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड, सल्फर डाईआक्साइड के अलावा लेड, आर्सेनिक और कैडमियम जैसी अन्य हानिकारक धातु सतह के आसपास तैरती रहती है।

पिछले दिनों यहां पर हुई कार्रवाई

हवा में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पिछले दिनों केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासन ने मेटल गलाने वाली 70 पीतल भट्ठी को बंद करा दिया। भोजपुर में दो और ताजपुर माफी में दो गोदामों को ई-वेस्ट के अवैध भंडारण में सील किया गया। पराली जलने पर नौ लेखपालों को चेतावनी जारी की गई। इसके अलावा भारी संख्या में जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी की जा रही है। इन सबसे बावजूद एक्यूआइ थमने का नाम नहीं ले रहा है।

इससे होगा प्रदूषण का स्तर कम

ङ्क्षहदू कालेज में वनस्पति विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर और नेशनल एयर मॉनीटरिंग प्रोग्राम की कोऑडिनेटर डॉ. अनामिका त्रिपाठी ने कहा कि शहर में लगातार ई-कचरा जलाया जा रहा है। निर्माण कार्यों से उठने वाले धूल के कण हवा और पीतल की भट्ठियों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना होगा। सरकार को भी सख्त एक्शन लेना होगा वरना शहर की हवा में घुल रहा जहर सबको बीमार बना देगा।

इन शहरों में रहा सबसे ज्यादा एक्यूआइ

शहर एक्यूआइ

गाजियाबाद- 440

नोएडा 428

ग्रेटर नोएडा 426

बागपत 404

पानीपत 403

मुरादाबाद 368

18 जगह जलाई पराली

मुरादाबाद में इस साल अभी 18 जगह पराली जलाने के मामले आए हैं। इन सभी से कुल मिलाकर पांच लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि बताया कि पिछले साल 21 जगह पराली जलाने के मामले पकड़े गए थे। इस साल इसमें कमी आई है।


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