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दो दलित किशोरियों की हत्या के मामले में कोर्ट ने सात दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा, दोनों को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया था

Moradabad Dalit Girls Murder Case दस साल पुराने दो दलित किशोरियों की हत्या के मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने चार पुरुष और तीन महिलाओं को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रत्येक आरोपित पर 62-62 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:48 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:48 PM (IST)
दो दलित किशोरियों की हत्या के मामले में कोर्ट ने सात दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा, दोनों को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया था
एससी-एसटी कोर्ट में सजा सुनाए जाने के बाद दोषियों को जेल ले जाती पुलिस।

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Dalit Girls Murder Case : दस साल पुराने दो दलित किशोरियों की हत्या के मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने चार पुरुष और तीन महिलाओं को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रत्येक आरोपित पर 62-62 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के सजा सुनाते ही दोषियों की आंख से आंसू गिरने लगे। वहीं एक महिला दोषी रोने के बाद बेहोश भी हो गई। पुलिस ने सभी दोषियों को हिरासत में लेने के बाद जेल भेज दिया। 

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कोतवाली थाना क्षेत्र के कोठिवाल नगर एक मिनार मस्जिद निवासी राजो वाल्मीकी ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 18 दिसंबर 2010 को उनके घर में भीड़ ने हमला कर दिया था। कोठिवाल नगर निवासी सतीश मदान, सागर भंडूला, सोनिया कोहली, बंटी मलिक, आशा सचदेवा, अमरजीत कौर और विनोद कक्कड़ छत के रास्ते से घर में घुस गए थे। इन लोगों ने राजो को एक कमरे में बंद करके घर में मौजूद गीता और नीता उर्फ मोनू के साथ अभद्रता शुरू कर दी थी। सभी लोग हाथ में मिट्टी के तेल का कैन लेकर आए थे।

इसके बाद सभी ने मिलकर बेटियों के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। जिसके बाद उनकी जलकर मौत हो गई थी। कोतवाली थाना पुलिस ने इस मामले में कुल नौ आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना के दौरान दो आरोपितों के नाम हटाने के साथ ही सात आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। विशेष लोक अभियोजक आनंद पाल सिंह ने बताया कि इस मामले में सोमवार को एससी-एसटी कोर्ट की विशेष न्यायधीश संध्या चौधरी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सात को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 62-62 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

मां और बेटी की हत्या का विरोध करने पहुंचे थे आरोपितः दलित किशोरियों की मिट्टी का तेल डालकर हत्या किए जाने की घटना से एक सप्ताह पहले कोठिवाल नगर में पंकज सचदेवा के घर में लूट के बाद हत्या की घटना हुई थी। इस हत्याकांड को अंजाम घर में काम करने वाले सफाई कर्मचारी राजेश वाल्मीकी और राकेश वाल्मीकी के द्वारा दिया गया था। नौ दिसंबर 2010 को कोठिवाल नगर निवासी पंकज सचदेवा की पत्नी पूजा और दो साल की बेटी सानिया की निर्मम हत्या कर दी थी। इस मामले में घर में काम करने वाले राजेश और राकेश को पुलिस ने जेल भेज दिया था। इसी हत्याकांड का विरोध करने के लिए पंजाबी समाज के लोगों ने 18 दिसंबर 2010 को पीड़ित के घर से आरोपितों के घर तक जुलूस निकाला था। जब जुलूस में शामिल लोग आरोपितों के घर तक पहुंचे थे, तब आरोपित के बहनें गीता और नीता उर्फ मोनू के मिट्टी का तेल डालकर जलाने का मामला सामने आया था।

सजा सुनते ही दोषियों की आंख से निकले आंसूः सोमवार को कोर्ट के इस मामले के सभी आरोपितों को कोर्ट के कटघरे में खड़ा कर दिया गया था। आरोपितों को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि कोर्ट उन्हें उम्रकैद की सजा सुना देगी। लेकिन जैसे ही लंच के बाद कोर्ट का फैसला सामने आया, उसे सुनकर सभी के कांपने लगे। कोर्ट परिसर में एक महिला आरोपित जोर से रोने के साथ ही बेहोश हो गई। इस दौरान सुरक्षा में मौजूद महिला पुलिस कर्मियों ने आरोपित महिला को संभालने का प्रयास किया। सजा की जानकारी जैसे ही स्वजनों को हुई कचहरी परिसर में जमावड़ा लग गया। सजा मिलने के बाद प्रत्येक दोषी की आंख से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। 


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