Cyber crime : करोड़पति बनने की चाहत में खाते से गायब हो गए 70 लाख रुपये, 10 महीने में साइबर ठगों ने कई को बनाया शिकार
Cyber crime हेलाे इनाम में आपकी गाड़ी निकली है कंपनी की इस स्कीम से आप करोड़पति बन जाएंगे आपकी एटीएम सेवा बंद होनी वाली है कंपनी की इस योजना में आपका चयन हुआ है। मोबाइल पर इस तरह की कोई भी कॉल आए तो अलर्ट हो जाएं।
मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी) । कुछ ज्यादा पैसों की चाहत में लोग घर बैठे अपनी जीवनभर की जमा पूंजी ठगों के हवाले कर रहे हैं। लॉकडाउन के जिस दौर में लोग जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे,उस समय में भी ऑनलाइन ठगी का काम करने वाले हैकर्स लोगों की जमा पूंजी लूटने का काम कर रहे थे। मुरादाबाद में बीते दस माह में 65 मुकदमे आइटी एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं। इन मुकदमों में लगभग 70 लाख रुपये ठगी के मामले सामने आए हैं। पुलिस ने केवल दस लाख रुपये रिकवरी के साथ ही दो लोगों को जेल भेजने का काम किया है।
मुरादाबाद में औसतन प्रति माह सात लाख रुपये की ठगी का खेल किया जा रहा है। ऑनलाइन ठगी के लिए बैंक और शॉपिंग वेबसाइट के जरिए लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके लिए कॉल सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें लड़कियों के माध्यम से लोगों से लोगों के एटीएम पिन की जानकारी लेने के साथ ही बैंक अकाउंट की गोपनीय जानकारी मांग ली जाती है। जिसके बाद ऑनलाइन ठगी के काम में लगे लोग धीरे-धीरे आम आदमी की गाढ़ी कमाई को बैंक खाते से निकाल लेते हैं। ज्यादातर छोटे मामलों में लोग थाने में शिकायत करने से भी डरते हैं। ऐसे में बहुत कम ही ठगी के मामले थाने के रजिस्टर तक पहुंच पाते हैं। मुरादाबाद में बीते दस दस माह में 65 मुकदमों को दर्ज किया गया है। जिसमें ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के द्वारा लगभग 70 लाख रुपये अकाउंट से निकाले गए या फिर लोगों को लालच देकर अकाउंट में डलवा लिए गए। हालांकि पुलिस के द्वारा केवल उन्हीं मामलों में सफलता मिली जिसमें ऑनलाइन ठगी करने वाला व्यक्ति बैंक अकाउंट से पैसा नहीं निकाल पाया। ऐसे मामलों में पुलिस ने पैसा वापस कराने की कार्रवाई की है।
मध्यम वर्गीय परिवार लालच में फंस रहे
मुरादाबाद जनपद में बीते दस माह में 65 लोगों से ठगी करने के मामले सामने आए हैं। जिसमें ठगों ने ज्यादा पैसा कमाने का लालच देकर लोगों से अपने खातों में पैसा डलवाने का काम किया है। ठगी करने वालों गिरोह कभी इनाम में गाड़ी निकलने का लालच देकर पैसा खाते में डलवा लेते हैं, तो कभी बीमा पॉलिसी का जल्द भुगतान कराने के नाम पर पैसा खाते में डलवाने का काम करते हैं। ठगी करने वाले ग्रामीण क्षेत्र के किसानों, वृद्ध और महिलाओं को आसानी से ठगने का काम कर रहे हैं। अभी तक जिनके साथ ठगी की गई है, उनमें से ज्यादातर लोग मध्यम वर्गीय परिवार के लोग हैं।
तीन सालों में सात अरब की लगी चपत
जुलाई 2019 में दैनिक जागरण की आरटीआइ के सवालों का जवाब देते हुए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने बताया था कि देश में ऑनलाइन ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साल 2016 से जून 2019 तक देश के सभी राज्यों में एक लाख 76 हजार 423 लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी गई। जिसमें छह अरब 96 करोड़ 35 लाख रुपये बैंक खातों से निकाले गए। यह आंकड़ा उस रिपोर्ट पर आधारित था,जिसमें ठगी के शिकार लोगों ने बैंक में सूचना देने के साथ थाने में मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की। जबकि, ज्यादातर मामलों में ठगी के शिकार हुए लोगों बैंक में सूचना देने के बाद घर बैठ गए।
ठगी से बचने के लिए बरतें यह सावधानी
किसी भी अनजान व्यक्ति को एटीएम पिन की जानकारी न दें। किसी भी कंपनी से फोन आने पर खाते से संबंधित कोई जानकारी न दें। कोई भी जानकारी के लिए बैंक की शाखा में फोन कर जानकारी मांगे। एटीएम में किसी के सामने कोड डालकर पैसा न निकाले। ठगी होने पर तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दें।
दस में दर्ज किए गए मुकदमे
माह मुकदमा संख्या
जनवरी 10
फरवरी 10
मार्च 08
अप्रैल 04
मई 09
जून 05
जुलाई 03
अगस्त 05
सितंबर 09
अक्टूबर 02
कुल संख्या 65
पांच ठगी के बड़े मामले
29 सितंबर 2020 को अमरोहा के हसनपुर निवासी सुशील कुमार वोडाफोन कंपनी के नाम से फोन किया जाता है। ऐसे में उन्हें इनाम में गाड़ी निकलने की सूचना दी जाती है। इसके बाद मोबाइल में आए कोड की जानकारी लेकर 14 लाख 67 हजार रुपये निकाल लिए जाते हैं। लॉकडाउन के दौरान रेलवे हरथला कॉलोनी निवासी निर्मला कटियार को 24 मई 2020 को फोन पर एटीएम बंद होने की सूचना दी जाती है। इसी दौरान उनके एटीएम को चालू कराने के नाम पर कोड की जानकारी ली जाती है। पिनकोड मिलते ही आठ लाख 40 हजार रुपये उनके खाते से निकाल लिए जाते हैं। मझोला थाना क्षेत्र के अशोक नगर निवासी अरविंद कुमार को ऐलोवेरा की खेती कराने के नाम पर जानकारी दी जाती है। ऐसे में उन्हें मैसेज भेजा जाता है,पहले मैसेज के बाद दूसरे मैसेज का कोड पूछ लिया जाता है,जिसके बाद उनके खाते से छह लाख 25 हजार रुपये निकाल लिए जाते हैं। एक अक्टूबर 2020 को मझोला थाना क्षेत्र के एकता कॉलोनी निवासी हरेन्द्र पुंडीर अमेजान कंपनी की डिलीवरी का काम करते हैं। इन्हें फर्जी ऑर्डर देकर आठ लाख 50 हजार रुपये निकालने का काम किया। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के गौर ग्रेसियस निवासी दिनेश कुमार गुप्ता को बीमा पॉलिसी का जल्द भुगतान कराने के नाम पर ठगी की जाती है। उनसे भुगतान कराने के नाम पर एक लाख 98 हजार रुपये खाते में डलवा लिए जाते हैं।
ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। किसी को फोन पर बैंक खाते से संबंधित जानकारी देने से बचना चाहिए। हमारे द्वारा लगातार ऐसे मामलों को रोकने के लिए कार्रवाई की जा रही है। दो लोगों को जेल भेजने के साथ ही अभी तक लगभग 11 लाख रुपये की रिकवर कराने का काम भी किया गया है।अमित कुमार आनंद, एसपी सिटी