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क्रिकेट अम्पायर ने ट्रेन से कटकर दी जान

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : मुंह के कैंसर से पीड़ित क्रिकेट अम्पायर गोविंद ने दर्द बर्दाश्त

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 02:06 AM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 02:06 AM (IST)
क्रिकेट अम्पायर ने ट्रेन से कटकर दी जान
क्रिकेट अम्पायर ने ट्रेन से कटकर दी जान

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद :

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मुंह के कैंसर से पीड़ित क्रिकेट अम्पायर गोविंद ने दर्द बर्दाश्त से बाहर होने पर ट्रेन से कटकर खुदकशी कर ली। मजबूरी में आकर अम्पायर ने आत्मघाती कदम उठाया है। कैंसर का इलाज कराते हुए पैसे खत्म हो गए तो जिला प्रशासन से लेकर सीएम तक मदद की गुहार लगाई गई। हर जगह से मायूसी हाथ लगने पर अम्पायर ने मौत को ही बीमारी का इलाज मान लिया। रेलवे ट्रैक पर सिर रखकर जान दे दी। उनकी मौत पर क्रिकेट खिलाड़ियों को तेज धक्का लगा है। मिलनसार स्वभाव का होने के कारण वह महानगर में गोविंद भाई के नाम से मशहूर थे। उनकी जेब में एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।

कांशीराम नगर के सी ब्लॉक निवासी 55 वर्षीय गोविंद भाई मुंह के कैंसर से पीड़ित थे। वह मुरादाबाद के रेलवे स्टेडियम में होने वाले क्रिकेट मैच में अम्पाय¨रग कर जिंदगी गुजार रहे थे। जैसे-तैसे अपना इलाज करा रहे थे, इलाज के लिये रुपये खत्म हो गए। उन्होंने हर संभावित दरवाजा खटखटाया। हर जगह से मिलने वाली मायूसी ने उन्हें ये कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। गरीबी और इलाज के लिये रुपये न होने पर गोविंद ने रेलवे लाइन पर अपना सिर रखकर खुदकशी कर ली।

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कई स्थानों पर दिया था प्रार्थना पत्र

-परिजनों ने बताया कि मरने से कुछ दिन पहले ही गोविंद भाई ने अपने इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से राहत लेने के लिए भी प्रार्थना पत्र लिखा था, लेकिन उनके प्रार्थना पत्र पर सुनवाई न हो सकी। थक हारकर उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया। गरीबी का आलम यह है कि वह जिस मकान में रहते हैं उस मकान में बिजली का कनेक्शन तक नहीं है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है और अंतिम संस्कार के लिए भी उनके पास पैसे नहीं हैं।

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दर्द असहाय है, सहन करने की शक्ति नहीं है

-गोविंद भाई इस सिस्टम से हारे हुए एक व्यक्ति थे। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि दर्द असहनीय है, इसे सहन करने की क्षमता नहीं है। इस कारण खुदकशी कर रहा हूं। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। पुलिस प्रशासन किसी को परेशान न करे।

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विधि विज्ञान की टीम ने किए साक्ष्य संकलित

-घटनास्थल पर पहुंची टीम ने शव का पंचनामा भरकर मोर्चरी पर रखवा दिया। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम ने भी साक्ष्य संकलित किए।


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