Move to Jagran APP

नगीना के सपा विधायक मनोज पारस को एमपी-एमएलए कोर्ट ने भेजा जेल, जानिए क्या है मामला...

बिजनौर की नगीना विधानसभा सीट से सपा विधायक मनोज पारस को एडीजे द्वितीय एमपी-एमएलए कोर्ट ने हरिद्वार हाईवे पर जाम लगाने के मामले में वारंट निरस्त करते हुए जेल भेज दिया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 07:02 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 09:26 AM (IST)
नगीना के सपा विधायक मनोज पारस को एमपी-एमएलए कोर्ट ने भेजा जेल, जानिए क्या है मामला...
नगीना के सपा विधायक मनोज पारस को एमपी-एमएलए कोर्ट ने भेजा जेल, जानिए क्या है मामला...

मुरादाबाद, जेएनएन। बिजनौर की नगीना विधानसभा सीट से सपा विधायक मनोज पारस को एडीजे द्वितीय एमपी-एमएलए कोर्ट ने हरिद्वार हाईवे पर जाम लगाने के मामले में वारंट निरस्त करते हुए जेल भेज दिया। सपा विधायक तीन तारीखों से कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे। इसको लेकर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं की।

loksabha election banner

अधिवक्ता शरीफ अहमद ने बताया कि मुरादाबाद के छजलैट थाना क्षेत्र में वर्ष 2007 में पुलिस के सपा नेता व रामपुर के मौजूदा सांसद आजम खां की गाड़ी रोकने पर विवाद हो गया था। उस दौरान सपा नेताओं ने रोड जाम करते हुए पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पुलिस ने विधायक समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सांसद आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है।

बुधवार को सुबह करीब 11 बजे कोर्ट में सपा विधायक मनोज पारस ने सरेंडर किया था। इसके बाद अधिवक्ता ने जमानत लिए प्रक्रिया शुरू की। कई घंटे कोर्ट के कटघरे में खड़े रहने के बाद भी विधायक को जमानत नहीं मिली। इस दौरान अधिवक्ता ने कई बार कोर्ट की तारीख में हाजिर न होने के तर्क दिए। अधिवक्ता की ओर से यह भी कहा गया कि विधायक लूज मोशन आने के कारण तारीख पर हाजिर नहीं हो पाए थे। इसके बाद भी एडीजे द्वितीय एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश अनिल कुमार वशिष्ठ ने सपा विधायक मनोज पारस के सरेंडर करने के बाद उनके वारंट को निरस्त करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए। 

सपा सरकार में स्टांप और निबंधन विभाग के रहे थे मंत्री

पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार में नगीना से विधायक मनोज पारस स्टांप एवं निबंधन विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें नगीना से सपा के टिकट पर जीत मिली थी। 

हाईकोर्ट ने भी भेजा था जेल 

बीते वर्ष एक जून 2019 को हाईकोर्ट ने भी सपा विधायक को दुष्कर्म के मामले में जेल भेज दिया था। हालांकि 19 दिसंबर को 2019 को उन्हें इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन, जमानत पर छूटने के बाद भी वह कोर्ट में हाजिर होने के लिए नहीं आए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.