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अदालत ने सांसद आजम खां की जौहर ट्रस्ट को दिया अंतिम मौका

सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के मुकदमे में अदालत ने उन्हें अंतिम मौका दिया है। जौहर ट्रस्ट की ओर से इस बार अपर जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ राजस्व परिषद में अपील दायर करने के लिए समय की मांग की गई।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:43 PM (IST)
अदालत ने सांसद आजम खां की जौहर ट्रस्ट को दिया अंतिम मौका
अदालत ने सांसद आजम खां की जौहर ट्रस्ट को दिया अंतिम मौका

रामपुर, जेएनएन। सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के मुकदमे में अदालत ने उन्हें अंतिम मौका दिया हैै। अदालत ने कहा है कि बार-बार समय मांगा जा रहा है। इस बार आखिरी मौका दिया जा रहा है। जौहर ट्रस्ट की ओर से इस बार अपर जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ राजस्व परिषद में अपील दायर करने के लिए समय की मांग की गई।

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सांसद की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर काफी पहले से विवाद है। पिछले साल जमीनें कब्जाने के आरोप में आजम खां के खिलाफ 30 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। प्रशासन ने उन्हे भूमाफिया भी घोषित कर दिया था। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना ने शासन में शिकायत दर्ज कराई कि यूनिवर्सिटी की जमीने खरीदने के मामले में नियमों का उल्लंघन किया गया है। इस यूनिवर्सिटी का संचालन मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट करती है और आजम खां इसके अध्यक्ष हैं। ट्रस्ट को सरकार ने 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी थी। ट्रस्ट ने परमीशन लेने के लिए यूनिवर्सिटी में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने और चैरिटी का कार्य करने की बात कही थी। लेकिन, ऐसा नहीं किया। इस पर प्रशासन ने जांच-पड़ताल कराई तो आरोप सही पाए गए। इसी आधार पर अपर जिला अधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद की अदालत में मुकदमा दायर किया गया। इस मामले में कई बार सुनवाई हो चुकी है। ट्रस्ट के अधिवक्ता ने कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर ही आपत्ति लगा दी थी। कहा कि इसकी सुनवाई का अधिकार एडीएम कोर्ट को नहीं है। जिला शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने इसका विरोध किया था। उनका कहना था कि जब नोटिस दिया गया था तब क्षेत्राधिकारी की बात होनी चाहिए थी। एडीएम ने सरकारी वकील की बात को सही मानते हुए आदेश दिया कि राजस्व संहिता की धारा 19 के तहत उनकी कोर्ट को ऐसे मामले सुनने का अधिकार है। जौहर ट्रस्ट के अधिवक्ता की क्षेत्राधिकार संबंधी आपत्ति खारिज कर दी थी। इस ममाले में बुधवार को भी सुनवाई हुई। इस बार ट्रस्ट के अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र दिया कि उन्हें एडीएम कोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्व परिषद में अपील करनी है, इसलिए समय दे दिया जाए। अदालत ने एक सप्ताह का समय देते हुए कहा कि यह अंतिम अवसर दिया जा रहा है। अब 28 अक्टूबर को सुनवाई होगी।


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