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Corona vaccination in Moradabad : टीकाकरण के ल‍िए ज‍िले में कुंवारे भी बन जा रहे प‍िता, अब तक आ चुके सौ मामले

कोरोना का टीका लगवाने के ल‍िए कुंवारे भी पिता बन जा रहे हैं। गलत जानकारी भरने के बाद टीका केंद्रों पर सौ से अधिक युवाओं को पकड़ा जा चुका है। केंद्र पर मूल प्रमाण पत्र मांगने पर वे नहीं द‍िखा पाए।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 03:22 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 03:22 PM (IST)
Corona vaccination in Moradabad : टीकाकरण के ल‍िए ज‍िले में कुंवारे भी बन जा रहे प‍िता, अब तक आ चुके सौ मामले
पकड़े जाने पर सौ को टीका केंद्र से किया वापस।

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना का टीका लगवाने के ल‍िए कुंवारे भी पिता बन जा रहे हैं। गलत जानकारी भरने के बाद टीका केंद्रों पर सौ से अधिक युवाओं को पकड़ा जा चुका है। पंजीयन नहीं हो पाने के कारण अभिभावक टीका लगवाने से वंचित रह जाते हैं।

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कोरोना का टीकाकरण कराने के लिए पोर्टल पर पंजीयन कराना आवश्यक होता है। सामान्य लोगों को टीकाकरण कराने के लिए प्रत्येक रविवार को सुबह दस बजे पोर्टल खुलता है और आधे घंटे में सप्ताह का भर का लक्ष्य पूरा होते ही पोर्टल बंद हो जाता है। सरकार ने 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता को टीका लगाने की अलग व्यवस्था की है। अभिभावक को पंजीयन कराने के लिए प्रत्येक दिन पोर्टल सुबह दस बजे खुलता है। जिले में चार सौ अभिभावक का पंजीयन होने के बाद पोर्टल बंद हो जाता है। पंजीयन करने वाले अभिभावकों को बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र पोर्टल पर स्कैन कर डालना पड़ता है। पंजीयन कराने के दूसरे दिन टीक लगाने की तारीख मिल जाती है। मुरादाबाद शहर में अभिभावकों को टीका लगाने के लिए अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र फकीरपुरा में केंद्र बनाया गया है। टीका लगवाने के लिए युवाओं में काफी उत्साह है। पंजीयन करने के लिए वे एक सप्ताह का इंतजार नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में कुंवारे भी पिता बनकर पंजीयन करा लेते हैं। टीकाकरण केंद्र पर पिता होने के प्रमाण पत्र का मूल कापी मांगी जाती है तो युवा नहीं दे पाते हैं। प्रमाण पत्र नहीं देने पर टीका नहीं लगाया जाता है। अभी तक सौ ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं। इसके कारण पंजीयन नहीं होने से सौ अभिभावक टीका लगवाने से वंचित रह जाते हैं, उसे दूसरे दिन पंजीयन कराने को इंतजार करना पड़ता है। टीकाकरण के नोड्ल आफिसर व एसीएमओ डा. दीपक वर्मा ने बताया कि अभिभावक श्रेणी के पोर्टल पर कुंवारे भी पिता बनकर पंजीयन करा लेते हैं। केंद्र पर प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर इन लोगों को वापस कर दिया जाता है। ऐसे सौ मामले पकड़े जा चुके हैं।


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