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Corona infected treatment : अब ऑन डिमांंड कराएं कोरोना की टेस्टिंग, डॉक्टर के सलाह की नहीं है जरूरत

Corona infected treatmen बुजुर्गों को दी जाएगी पहले प्राथमिकता। घायलों को तुंरत मिलेगा उपचार। स्वास्थ्य इमरजेंसी में कोरोना टेस्टिंग ना होने पर मिल सकेगा उपचार।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 11:21 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 11:21 AM (IST)
Corona infected treatment : अब ऑन डिमांंड कराएं कोरोना की टेस्टिंग, डॉक्टर के सलाह की नहीं है जरूरत
Corona infected treatment : अब ऑन डिमांंड कराएं कोरोना की टेस्टिंग, डॉक्टर के सलाह की नहीं है जरूरत

सम्‍भल, जेएनएन। Corona infected treatment। देश में कोरोना के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी को लेकर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उ.प्र. ने कोरोना के परीक्षण को लेकर अपने दिशा-निर्देश में बदलाव किया है। आदेश के मुताबिक अब पहली बार ऑन डिमांड टेस्टिंग सुविधा भी मिल सकेगी। अब किसी भी स्वास्थय इमरजेंसी में कोरोना टेस्टिंग ना होने पर भी लोगों को इलाज मिल सकेगा। हालांकि इसके लिए सैंपल देना अनिवार्य होगा। दिशा-निर्देशों के अनुसार अब बिना डॉक्टर के पर्चे के भी ऑन-डिमांड जांच कराई जा सकेगी। ऐसे व्यक्ति जो परीक्षण करवाना चाहते हैं या यात्रा कर रहे हैं या किसी रोग के उपचार हेतु किसी चिकित्सालय में भर्ती होने से पूर्व जांच कराना चाहते है वह ‘ऑन-डिमांड’ अपना परीक्षण करवा सकते हैं ।

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कंटेनमेंट जोन में काम कर रहे सभी स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन पर काम कर रहे कोरोना वारियर्स को पहले वरीयता मिलेगी। साथ ही कंटेनमेंट जोन के सभी संभावितों की भी टेस्टिंग होगी, इसके लिए जरूरत के मुताबिक रैपिड एंटीजन या आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों कि मानें तो कोरोना टेस्ट के लिए डॉक्टर की सलाह की जरूरत नहीं है, इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया हैं। उन्होंने कहा जो किसी कोरोना संभावित या उपचाराधीन के संपर्क में आया हो वह सीधे टेस्टिंग करा सकता है। इसके अलावा जिनको ऐसा लगता है कि उनके लक्षण कोरोना के हैं या जिसको किसी काम के लिए कोविड-19 नेगेटिव सर्टिफिकेट की जरूरत है वह भी आन डिमांड टेस्ट करा सकते हैं। घायल अवस्था या किसी भी इमरजेंसी में अस्पताल लाए गए व्यक्ति (प्रसव सहित) का इलाज कोरोना टेस्टिंग ना होने की वजह से अब नहीं रुकेगा, हालांकि टेस्टिंग को उनका सैंपल जरूर लिया जाएगा। टेस्टिंग सुविधा न होने के चलते किसी भी गर्भवती महिला का इलाज नहीं रोका जा सकेगा और ना ही उसे बहाना बनाकर रेफर किया जा सकेगा। हालांकि सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए जरूर भेजा जा सकता है। जो महिलाएं कोरोना पॉजिटिव हों, उन्हें सुझाव दिया जायेगा कि वह मास्क हमेशा पहनें और 14 दिनों तक थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ धोती रहें। उन्हें बच्चे को स्तनपान कराने से पहले स्तनों को अच्छे तरीके से साफ करना चाहिए। ताकि दूध पीते समय बच्चे में संक्रमण ना फैले।

कोई भी व्यक्ति अपना सैंपल करा सकता है जिसे कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण हो। इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर कोई भी अपना टेस्ट करा सकता है।

विराश यादव, चिकित्सा अधीक्षक सीएचसी रजपुरा


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