इन सावधानियों का रखेंगे ध्यान तो पास नहीं आए कोरोना, अपनाएं चिकित्सक की ये पांच सलाह
लोग शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। इसलिए कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करें। पहले से दूसरी बीमारियों से पीड़ितों को बाहर जाने से परहेज कराएं।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर दिन आंकड़ा सैकड़ा पार हो रहा है। इसके बाद भी लोग सावधानी बरतने को तैयार नहीं हैं। जबकि, अब तक चार लोगों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की भी पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ ही पब्लिक में से भी प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। इसके बावजूद भी लोग शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। इसलिए कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करें। पहले से दूसरी बीमारियों से पीड़ितों को बाहर जाने से परहेज कराएं।
तीन लेयर वाला मास्क पहनें : कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसमें एक मास्क आठ घंटे तक ही पहनना है। मास्क उतारने के बाद पहले एक कागज की थैली में रखें। उसके बाद उसे छोटे-छोटे टुकड़े कर दें। फिर उसे कागज के थैले में इकट्ठा करके रखें। इसके बाद बायोमेडिकल वेस्ट वाहन में डाल दें।
व्यायाम बहुत जरूरी : कोरोना संक्रमित हों या नहीं। प्रतिदिन व्यायाम की आदत जरूर बना लें। तरल पदार्थ का सेवन खूब करें। पौष्टिक आहार का भी सेवन करते रहें। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम नहीं होगी।
हाथों को धोते रहें : कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर हर एक व्यक्ति को अपने हाथों को बार-बार धोना है। साबुन या सैनिटाइजर से हाथों को धोते रहेंगे तो संक्रमण का खतरा बहुत कम रहेगा।
तीन दिन तक हो बुखार तो जाएं अस्पताल : कोरोना संक्रमण होने के बाद लगातार तीन दिन तक 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान हो तो अस्पताल जाएं। सांस लेने में परेशानी, आक्सीजन का स्तर एक घंटे में तीनों बार 93 से कम हो और सांस एक मिनट में 24 से अधिक हो, सीने में दर्द लगातार, मांसपेशियों में थकान महसूस हो तो अस्पताल जाना चाहिए।
इनके लिए बहुत जरूरी होम आइसोलेशन : डायबिटीज, हृदय रोग, हाइपरटेंशन, फेफड़े, लिवर, गुर्दे की बीमारी से पीड़ित, कैंसर, एचआइवी के मरीजों को चिकित्सक की सलाह के साथ होम आइसोलेशन में ही रहना जरूरी है। जिससे उन्हें संक्रमण होने का खतरा नाममात्र को ही रह जाए। इसमें लापरवाही बरतने की जरूरत नहीं है।
कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे हालात में बहुत सर्तक रहने की जरूरत है। गंभीर बीमारियों से पीड़ितों को बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर कोई परेशानी हो तो वह फौरन चिकित्सक से संपर्क करें।
डा. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
अपने शरीर का आक्सीजन स्तर भी चेक करते रहें। एक घंटे में तीन बार में 93 से आक्सीजन स्तर कम हो तो फौरन चिकित्सक से बात करें। जिससे सही समय पर मरीज को उपचार मिल सके। इसमें लापरवाही बरतने की जरूरत नहीं है।
डा. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, जिला सर्विलांस अधिकारी।