मुरादाबाद में कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी बोले-जौहर विश्वविद्यालय के लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं
Poet Imran Pratapgarhi in Moradabad मशहूर शायर और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने शुक्रवार को रामपुर शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा से भेंट की। इस दौरान मुरादाबाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
मुरादाबाद, जेएनएन। मशहूर शायर और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि मौलाना मुहम्मद अली जौहर कांग्रेस के भी अजीम सिपाही रहे हैं। उनका नाम आजादी से भी जुड़ा रहा है। इसलिए मैं उस नाम से जुड़ा हूं। सरकार विश्वविद्यालय को बर्बाद करना चाहती है। इसीलिए मौलाना मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को बचाने के लिए मैं हमेशा खड़ा रहूंगा। इसके लिए हर तरह से कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं। कहा कि सपा नेता आजम खां की पत्नी तंजीन फात्मा से उन्होंने शिष्टाचार भेंट की है। इसे सियासत से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
कांठ की पुलिया स्थित शायर काशिश वारसी के घर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मौजूदा सरकार को तो मजबूत लोगों को तोड़ने में मजा आ रहा है। खासकर अल्पसंख्यकों को परेशान करने में सरकार को मजा आ रहा है। पीएम मोदी भी राजधर्म का पालन नहीं करवा पा रहे हैं। किसानों के सवाल पर कहा कि 70 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैंं। आखिर किस दिन का इंतजार प्रधानमंत्री कर रहे हैं। अपने चंद उद्योगपति दोस्तों को खुश करने के लिए सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। बुजुर्ग किसान दिल्ली के बार्डर पर बैठे हैं, बातचीत के नाम पर नाटक करवाया जा रहा है। एक दिन में कानून वापस हो सकते हैं। फिर कौन सी जिद है, सरकार कानून वापस करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार को चाहिए कि तुरंत कानून वापस लेकर सर्दी में दिल्ली के बार्डर पर बैठे किसान, मां-बहनों और बच्चों को उनके घर वापस भेजें। ताकि वे अपने घर वापस जाकर आराम से खेती करें। हम किसानों के साथ हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत सभी सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं। सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।
जुमे की नमाज के बाद बोले इमरान, मेरे आजम के घर जाने का असर होने लगा
कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने जामा मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं लगातार देख रहा हूं कि जौहर विश्वविद्यालय पर लगातार हमला हो रहा है। लेकिन, उनकी पार्टी का कोई खड़ा नहीं हो रहा है। वह लोग भी उनका साथ देने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, जिन्हें उन्होंने आशीर्वाद दिया था। इसीलिए मैं पार्टी पॉलिटिक्स से उठकर आजम खान की पत्नी के मिलने रामपुर गया था। उनकी बातें सुनकर बहुत दुख हुआ। हमेशा जौहर विश्वविद्यालय को बचाने के लिए संघर्ष करता रहूंगा। मेरे जाने का असर भी दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आजम के घर पहुंचे।